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शाहीन बाग में प्रदर्शन को हटाने की हुई कार्रवाई !

फ्यूचर लाइन टाईम्स


शाहीन बाग में 100 दिन से चल रहे प्रदर्शन को हटाने की कार्रवाई शुरू पुलिस ने उखाड़े टेंट


दिल्ली के शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की कार्रवाई शुरु हो गई है. मौके पर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है.
CAA-NRC के खिलाफ करीब 100 दिन से चल रहा है धरनापुलिस की अपील- कोरोना के कारण खाली करें प्रदर्शनस्थलकोरोना की वजह से सिर्फ 5 महिलाएं दे रही हैं धरना
दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 100 दिन से चल रहे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ धरने को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की फौज प्रदर्शन स्थल पर पहुंची. लोगों से अपील की जा रही है कि वह धरना प्रदर्शन को खाली करें.


शाहीन बाग में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच प्रदर्शनकारियों के टेंट हटाए जा रहे हैं. मौके पर दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्धसैनिक बलों के जवान भी मौजूद हैं. पुलिस का कहना है कि कोरोना के कारण जैसे हालात बने हैं, हमें एकाएक प्रदर्शनस्थल को खाली कराने का निर्णय किया है. हालांकि, सोमवार रात से ही हलचल शुरू हो गई थी.


कोरोना के कारण हो रही है कार्रवाई


दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण कई शहर लॉकडाउन में है. दिल्ली भी लॉकडाउन किया गया है. हमने शाहीन बाग के लोगों से अपील की है कि वह प्रदर्शन से हट जाएं. कोरोना वायरस का खतरा यहां पर है. हम लोगों से कह रहे हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से हट जाएं, ताकि लोगों की जान हिफाजत में रहे. किसी को कोई जोखिम नहीं उठाना पड़े, क्योंकि यह बहुत संक्रमण वाली बीमारी है.


सड़क खोलने की कवायद


मौके पर पहुंचे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पाव पसार रहा है. हम सभी लोगों को इसको रोकना है, इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से धरनास्थल को खाली करा रहे हैं. हमें सड़क भी खाली करानी है, क्योंकि एंबुलेंस समेत कई जरूरी सामानों की गाड़ियों की आवाजाही हो सके.


सिर्फ 5 महिलाएं दे रही थी धरना


कोरोना वायरस के कारण पूरी दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है और सातों जिलों को लॉकडाउन किया गया है. इससे पहले रविवार को पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया था. इसका शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने भी समर्थन किया था और उस दिन सांकेतिक धरना चला था, लेकिन इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए फैसला किया था कि अब सिर्फ 5 महिलाएं धरने पर बैठेंगी.


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