फ्यूचर लाइन टाईम्स
मंगलवार दोपहर बगैर किसी उद्देश्य के नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन के दफ्तर गया।सैनेटाइजर ने स्वागत किया। गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सेक्टर 29 स्थित यह दफ्तर तीन तल्ला है और कॉरपोरेट को मात देता है।जब दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अलावा कुछ और नहीं सूझ रहा था,तब नोएडा ग्रेटर नोएडा ने मिलकर अपनी मेट्रो रेल कंपनी खड़ी की। इसके प्रबंध निदेशक पद पर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ही तैनात होते हैं। एक बार स्वतंत्र रूप से एक एमडी (आईएएस संतोष यादव)को तैनात किया गया था। नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो संचालन हेतु फिलहाल 524 टेक्नीकल लोगों का भारी-भरकम स्टाफ है। इसके अलावा डीएमआरसी के 94 विशेष योग्यता वाले लोग भी प्रतिनियुक्ति पर हैं।30 अतिरिक्त लोग प्रशासन के हैं। इन सबकी तनख्वाह आदि पर प्रतिमाह तीन करोड़ रुपए के लगभग खर्च आता है। नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो में प्रतिदिन यात्री संख्या 30 हजार पहुंच गई थी। कोरोनावायरस की वजह से घटकर फिलहाल 18-19 हजार रह गई है।रूट के 21 स्टेशनों में से छः अभी भी बंद हैं। नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो घाटे में है।इसे सेक्टर 51से फेज दो होते हुए ग्रेटर नोएडा तक चलाया गया है। यदि पहले चरण में ग्रेटर नोएडा वेस्ट से मेट्रो चलायी जाती तो? अफसरों ने सोच-समझकर ही निर्णय लिया होगा परंतु तब शायद मेट्रो को घाटे का मुंह न देखना पड़ता।देर से और दूसरे चरण में ही सही अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट होकर परीचौक मेट्रो से जोड़ने के रूट पर ही काम शुरू होगा।तब नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो एक रिंग रूट का रूप लेगी।
0 टिप्पणियाँ