फ्यूचर लाइन टाईम्स
१- कम से कम 20 सेकिंड तक हाथों को अच्छी तरह रगड़कर दिन मे कई बार धोएं।
२- चेहरे पर बार बार हाथ लगाने की आदत छोड़ें।
३-सभी व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की दूरी से ही वार्ता करें।
४-पूरी नींद सोएं, पानी अधिक पीएं, अच्छा हो गुनगुना कर लिया जाए।
५-आसन, व्यायाम, प्राणायाम और ध्यान घर पर ही रह अनिवार्य रूप से करें।
६- शाकाहार, सुपाच्य, संतुलित भोजन घर पर बना हुआ ही करें।
७- होटल, रेस्टोरेंट या बाहर की बनी हुई हर खाद्य वस्तु का यथा सम्भव बहिष्कार करें।
८-घर से बाहर न निकलें और न किसी बाह्य व्यक्ति को घर में प्रवेश दें।
९- किसी भी स्थिति में किसी को भी हाथ न मिलाएं हाथ जोड़कर दूर से ही नमस्ते करें।
१०- जीवन अनमोल है जान है तो जहान है कुछ दिन अपरिग्रह में ही बिताए अर्थात् अनावश्यक संग्रह से बचें।
११-घरों, कारखानों व कार्यालयों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को भी अपने घरों में ही रहने की सलाह दें तथा उनका वेतन भी न काटें।
१२-किसी भी चीज को जब तक अनिवार्य न हो छूने का प्रयास न करें।
१३- छींकने, खांसने, स्वांस फूलने, बुखार और गला खराब की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को अविलम्ब चिकित्सा दें व उसके मुंह पर मास्क- भास्कर लगा बिल्कुल अलग कमरे में एकांतवास करवाएँ।
१४- अग्निहोत्र-यज्ञ, मौन, एकांतवास ही इस विश्वघाती कोरोना वायरस का सर्वोत्तम उपचार है, पालन करें।
१५-सूचना माध्यमों पर अनवरत नजर बनाए रखें जिससे इस सम्बंध में विशेषज्ञों व सरकारी अनुदेशों का लोकहित में पालन सुनिश्चित हो सके।
१६- संक्रमण का सर्वाधिक प्रभाव बीमारों बुजुर्गों अर्थात् 55-60 से अधिक आयु वर्ग के लोगों पर अधिक है अतः उनके प्रति सावधानी, सेवा, सुरक्षा व एकांतवास अनिवार्य करें।
१७- चिंता नहीं चिंतन करें व जागरूकता फैलाएं।
१८-संक्रमण रोकने हेतु प्रत्यक्ष प्रवचनों के स्थान पर तकनीकी का प्रयोग करते हुए ही सोशल मीडिया के माध्यम से ही मार्गदर्शन करें।
१९-यह प्रकृति प्रदत्त आत्मजागरण का सर्वोत्तम अवसर है, लाभ उठाएं।
२०- जीवनी शक्ति बढ़ाने हेतु काली मिर्च, हल्दी, अदरक, तुलसी, गिलोय आदि (सहजता से हर घर में उपलब्ध रहते हैं) का सेवन बढ़ाएं।
किंतु ध्यान रहे एक भी बाहरी व्यक्ति से मिलना संक्रमण की कड़ी को बढाने व एकांत साधना को भंग करने का बहुत बड़ा कारण होगा।
सुरक्षा, सहयोग, सावधानी, सहजता, स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक जरूरी है।
संज्ञान में रहे आज तक इस वायरस को मारने की कोई दवा नहीं बनी है किंतु कुछ दिनों तक इसको यदि मानव शरीर नहीं मिलता तो यह वायरस स्वतः विनष्ट हो जाता है तथा इसका संक्रमण गुणात्मक रूप से बढ़ता है एक मानव शरीर से दूसरे मानव शरीर में, अतः इस कड़ी को तोड़ने हेतु एकांतवास ही एकमात्र बचाव है।
स्वस्थ रहें मस्त रहें ईश्वरीय कार्यों में व्यस्त रहें।
TRULY , Curfew is CARE FOR U
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