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जनता कर्फ्यू के दिन कैसी हो दिनचर्या : राजकुमार आर्य

फ्यूचर लाइन टाईम्स


दादरी : राजकुमार आर्य एडवोकेट, राष्ट्रीय प्रवक्ता जन-आंदोलन एक सामाजिक संगठन ने मनोज तोमर फ्यूचर लाइन टाईम्स हिंदी समाचार-पत्र के ब्यूरो चीफ गोतमबुद्धनगर जनता कर्फ्यू जनता का जनता के लिए कर्फ्यू दिनांक मार्च 22,2020  अपने विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस COVID19 । की महामारी का सामना कर रहा है । भारत सरकार द्वारा लिए गए त्वरित व दूरदर्शी निर्णयों के कारण हमारा देश अब तक इस " महामारी की भयावहता  से बचा हुआ है । सरकार के बाद अब समाज की बारी है इससे आसान देशभक्ति शायद ही संभव हो। संगठित होकर इस बीमारी के विरुद्ध किए गए प्रयास ही अपने देश में इस बीमारी को विकराल बनने से रोक सकते हैं । देश की जनता का आह्वान करते हुए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च रविवार को प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक ' जनता कर्फ्यू के आह्वान को पूर्ण रूप से सफल बनाएं । दिनांक 22 मार्च रविवार को सभी अपने घर पर ही  परिवार मिलन आयोजित करें । निम्नानुसार दिनचर्या के पालन का परामर्श है 
प्रातः 5 बजे जागरण 
प्रातः 6 बजे : प्रातःस्मरण : 
अपने 10 मित्रों को फोन करके ' जनता कर्फ्यू के पालन का आह्वान करना 
प्रातः 6 : 30 बजे से 7 : 30 बजे तक परिवार के साथ योग व्यायाम तथा समाज की चर्चा 
प्रातः 7 : 30 से 9 : 00 बजे तक : आवास स्वच्छता एवं स्नान यदि घर में कोई कर्मचारी दैनिक कार्यों हेतु आते हैं तो उन्हें एक दिन पूर्व ही सवैतनिक अवकाश प्रदान कर दें - 
प्रातः 9 : 00 से 9 : 30 बजे तक हवन / यज्ञ अथवा महामृत्युंजय अथवा अपने धर्मानुसार स्मरण  ॥ 
प्रातः 10 बजे : जलपान 
प्रातः 10 : 00 से 11 : 30 बजे तक : परिवार बैठक शाकाहार , प्रकृति तथा जीव - जंतुओं के सम्मान व राष्ट्र की चर्चा  
प्रातः 11 : 30 से 1 : 00 बजे तक : भोजन निर्माण एवं भोजन 
दोपहर 1 : 00 से 3 : 00 बजे तक : विश्राम 
दोपहर 
3 : 15 बजे : जलपान 
दोपहर 3 : 45 से 5 : 00 बजे तक : परिवार वैठक हवन - पूजन के महत्व तथा हिंदू धर्म की वैज्ञानिकता पर चर्चा व अपने धर्म के मानव उपयोगी भाव पर चर्चा  - 
सायं 5 : 00 बजे : आपदा में सेवारत बंधुओं के आभार एवं उत्साहवर्धन हेतु ताली , थाली , घंटा एवं शंख ध्वनि , महामृत्युंजय मंत्र का जाप आदि करना । अपनी पुरातन मान्यता के अनुसार संख, घंटा, कांसे की थाली बजाने से वातावरण में मौजूद हानिकारक वायरस नष्ट हो जाते हैं। पूर्व में दुख निकालना आदि कार्य होते थे।  
 सायं 6 : 00 से 7 : 45 बजे तक : परिवार बैठक भजन - कीर्तन तथा कोरोना एवं देश की अन्य समस्याओं पर चर्चा  
रात्रि 8 से 9:30 बजे तक भोजन निर्माण एवं भोजन ।
रात्रि 10 बजे -दीप विसर्जन एवं विश्व कल्याण मंत्र का जाप ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः , सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत् । ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ध्यानार्थ : त्रेतायां मंत्र - शक्तिश्च , ज्ञानशक्तिः कृते - युगे । द्वापरे युद्ध - शक्तिश्च , संघशक्ति कलौ युगे । - अर्थात सतयुग में ज्ञान की शक्ति थी , त्रेता में मंत्र शक्ति बना , द्वापर में युद्ध शक्ति का प्रतीक बना तथा - आज कलयुग में संगठन में शक्ति है , संगठित प्रयास से किसी भी आपदा पर विजय प्राप्त की जा सकती है या सांगठनिक चर्चा ।


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