फ्यूचर लाइन टाईम्स
मोदीनगर : "मनुष्य का कर्तव्य है कि वह भूतकाल से अभिज्ञ, वर्तमान के प्रति सजग और भविष्य के प्रति निर्भय रहे । मनुष्य को अच्छी से अच्छी आशा करनी चाहिए किंतु बुरी से बुरी परिस्थितियों के लिए तैयार भी रहना चाहिए । मानसिक संतुलन संपत्ति या विपत्ति किसी भी दशा में नहीं बिगड़ने देना चाहिए । वर्तमान की अपेक्षा उत्तम दशा में पहुँचने का पूर्ण प्रयत्न करना तो आत्मा का स्वाभाविक धर्म है, परंतु कठिनाइयों से घबरा जाना उसके गौरव की दृष्टि से अनुपयुक्त है।"
"विचार क्रांति अभियान"
गायत्री परिवार
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