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सी ऐ ऐ मूर्खतापूर्ण उठाया गया फैसला है, वोट बैंक की राजनीति का गन्दा खेल है !

फ्यूचर लाइन टाईम्स


सी ऐ ऐ समर्थकों से कुछ प्रश्न_2014 तक घुसपैठ किये हिन्दुओं ईसाइयों पारसिओं बौद्धों को ही नागरिकता क्यों, 2014 के बाद घुसपैठ किये हिन्दुओं ईसाइयों आदि को क्यों नहीं ?क्या सभी पडोस देशों व दुनिया भर के प्रताडित हिन्दुओं को भारत में बसाना सम्भव है ? क्या ईसाइयों पारसियों का मूल देश भी भारत है ? मानवता सबके लिए होती है या मात्र एक वर्ग के लिए ? हिन्दू जहां है वहीं अपने वजूद व अधिकारों के लिए संघर्ष क्यों नहीं करता ? कब तक हिन्दू कायरता का प्रदर्शन करता रहेगा ? कब तक हिन्दू डर डर कर भागता रहेगा ? पांच लाख हिन्दू काश्मीर छोड कर भाग आये और दर दर भटक रहे हैं, ईरान अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश बर्मा लंका से हिन्दू  लगातार भाग रहा है सबको एक साथ बुला कर नागरिकता क्यों नहीं दे देते ?


क्या गारंटी है कि मानवता के आधार पर भविष्य में रोहिंग्या मुसलमानों को नागरिकता नहीं दी जायेगी ? वर्तमान सरकार नहीं देगी तो कोई और सरकार भी नहीं देगी ? क्या पांच लाख रोहिंग्या मुसलमान जो कई सालों से भारत में रह रहे हैं उनको वापस भेजना सम्भव है ? यह सी ऐ ऐ वास्तव में मूर्खतापूर्ण उठाया गया फैसला है, वोट बैंक की राजनीति का गन्दा खेल है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है , हो सकता है सुप्रीम कोर्ट ही कह दे कि हिन्दुओं ईसाइयों पारसिओं बौद्धों को नागरिकता दे रहे हो तो रोहिंग्या मुसलमानों को भी नागरिकता देनी पडेगी । तब तो 'आ बैल मुझे मार' वाली कहावत सिद्ध हो जायेगी । हो सकता है सुप्रीम कोर्ट सी ऐ ऐ को संविधान विरोधी कह कर निरस्त ही कर दे ।
विदेशी मूल के ईसाइयों, पारसियों व बौद्धों को नागरिकता देने का क्या मतलव ? वास्तव में भारतीयों का इस नागरिकता संशोधन कानून से कुछ लाभ नहीं और न ही कुछ लेना देना है। इसके दूरगामी दुष्परिणाम हो सकते हैं । नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर व्यर्थ ही इतना बबाल मचा हुआ है । इससे भारत का कुछ हित नहीं होने वाला, उल्टे नुकसान ही नुकसान है । यह एक्ट यदि न्यायसंगत है तो पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के लाखों हिन्दू ईसाई पारसी जैन बौद्ध जो इस्लाम से प्रताडित हैं उन सबको भी भारत की नागरिकता दे देनी चाहिए । जिस आधार पर विदेशी मूल के लोगों को भारत की नागरिकता दी जा रही है उसी आधार पर भविष्य में भी कानून बना कर सब वर्गों के शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सकती है , रोहिंग्या मुसलमानों को भी दी जा सकती है । यह बहुत गलत परम्परा है और देश के लिए घातक है । नागरिकता देने का मतलव सबके लिए रोटी कपडा मकान व नौकरी देना है, वोट का अधिकार देना है । नागरिकता प्राप्त करने के बाद आज जो शरणार्थी या घुसपैठिए हैं वे कल को चुनाव लड कर हमारे नेता भी बन सकते हैं ! लाखों लोगों का बार्डर पार कर आना और उनको नागरिकता देना दुर्भाग्यपूर्ण है । इसके विरोध में हिंसा करना पागलपन है, इसका समर्थन एक पार्टी की अंधभक्ति व भेडचाल है । हठ दुराग्रह व राजनीति के कारण यह एक्ट अब हटने वाला नहीं परन्तु विनाश के बीज बो दिये गये हैं पेड बनने में कुछ वर्ष लग सकते हैं । सरकारें आती जाती रहती हैं, तुष्टिकरण व वोट बैंक की राजनीति के चलते कुछ भी हो सकता है । धारा 370 व तीन तलाक हटाना अच्छा कदम है परन्तु यह एक्ट अच्छा कदम नहीं है । पार्टी लाईन से उपर उठ कर इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है ।
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All illegal immigrants whether Hindu, Muslim, Sikh, Jain, Bodh or Christian should not be given citizenship. Illegal is illegal. This will open the door for giving citizenship to lacs of Rohingia muslim  immigrants in future. All
governments and forces are responsible for allowing several thousand people to cross the border and nourishing them for last so many years. Now no government will be able to send them back  to their respective countries. Future governments will give them citizenship by making new law like CAA.


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