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नया बांस नोएडा, प्राथमिक व जूनियर विद्यालय परिसर में कुत्तों का गर्भाधान : राजेश बैरागी

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


शनिवार को जैसे ही विद्यालय की छुट्टी हुई वैसे ही वो आ गये। उनके साथ खास नस्ल के दो कुत्ते थे, नर और मादा। विद्यालय परिसर में घुसते ही उन्होंने कुत्तों को गर्भाधान कार्य में लगा दिया। छुट्टी होने के बावजूद वहां कुछ बच्चे शेष थे, शायद ट्यूशन पढ़ने के लिए रुके हुए। बच्चे कौतूहल से यह सब देखने लगे। विद्यालय परिसर में ही रहने वाली महिला कर्मचारी किसी काम से उधर आयी तो नजरें नीची कर वापस चली गई। यह दृश्य उत्तर प्रदेश के भदोही या रायबरेली के किसी दूरदराज गांव के विद्यालय का नहीं है। यह दृश्य है दिल्ली के दरवाजे पर एशिया की स्मार्ट सिटी नोएडा के नया बांस स्थित प्राथमिक व जूनियर विद्यालय के संयुक्त परिसर का। यहां आये दिन यही होता है। कुत्तों का गर्भाधान कराने वाले लोग सेक्टर 15 के पढ़े लिखे संभ्रांत नागरिक कहलाते हैं। कुत्ता पालना शौक और जरूरत है। उसके रहने के लिए जगह भी है परंतु अपने बच्चों के सामने गर्भाधान कैसे कराया जा सकता है, बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर बुरे प्रभाव का क्या प्रभाव। इस विद्यालय में सुबह से अगली सुबह तक और भी बहुत कुछ होता रहता है। रात्रि में आस-पड़ोस के अपराधी तत्व चोरी करने आते हैं। उन्हें रोकने के लिए चारदीवारी पर कंटीले तारों की बाड़ की दरकार है। प्राधिकरण का संबंधित वर्क सर्किल इन फिजूल बातों में नहीं पड़ता।गम ग़लत करने वाले भी हाजिरी लगाने आते हैं। पुलिस नहीं आती।


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