फ्यूचर लाइन टाईम्स
डीटीसी की एक हरे रंग की लो फ्लोर बस के पीछे स्क्रीन पर लिखा चल रहा था,'इस बस में महिलाओं से छेड़छाड़ न करें। इस बस में सुरक्षा के लिए मार्शल तैनात हैं।' दुनिया के कुछ सत्य इस प्रकार हैं- महिलाओं से छेड़छाड़ होती है।आम महिला अपनी रक्षा खुद करने में सक्षम नहीं है। उन्हें छेड़छाड़ से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार के पास मार्शल हैं जो महिलाओं की रक्षा के लिए बस में तैनात किये गये हैं।
लगभग आठ दशक पूर्व महात्मा गांधी ने गुजरात महाविद्यालय में कहा था,-हिंदुस्तान का हर एक घर विद्यापीठ है, महाविद्यालय है, मां-बाप आचार्य हैं। मां-बाप ने आचार्य का यह काम छोड़कर अपना धर्म छोड़ दिया है।ऐसी चोरी की सभ्यता से हिंदुस्तान कैसे ऊंचा उठ सकता है।' उन्होंने वहां यह भी कहा कि जनता के दोष विद्यार्थियों में आये हैं।बस में लगी स्क्रीन पर चलते अक्षर किसी सुरक्षा का आश्वासन नहीं देते। क्या छेड़छाड़ करने वाले कुंठित मनोरोगी स्क्रीन पढ़ते होंगे या छेड़छाड़ दुर्घटना स्वरूप होती है। शनिवार को नोएडा सेक्टर 14 ए से महामाया फ्लाईओवर की ओर जाते हुए एक कार के भीतर का दृश्य थोड़ा विचित्र था। लड़का कार चला रहा था, उसके बगल में बैठी लड़की उसका चुंबन कर रही थी। इश्क, उत्तेजना,उश्रृंखलता और बेहयाई ने महानगरों में पैठ जमा ली है। जिनके पास कार भी नहीं है और चूमने के लिए लड़की भी नहीं, उनके लिए डीटीसी की बसों का सहारा था। सरकार ने वहां मार्शल तैनात कर दिए हैं।
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