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धन तभी सार्थक हैं जब धर्म भी साथ हो।

 फ्यूचर लाइन टाईम्स


धन तभी सार्थक हैं
             जब धर्म भी साथ हो।
विशिष्टता तभी सार्थक हैं
             जब शिष्टता भी साथ हो।
सुंदरता तभी सार्थक हैं
              जब चरित्र भी शुद्ध हो।
संपत्ति तभी सार्थक हैं
            जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो।
देवस्थान गमन तभी सार्थक हैं
               जब हृदय में भाव हो।            अच्छा व्यापार तभी सार्थक हैं
             जब व्यवहार भी अच्छा हो।
विद्वता तभी सार्थक हैं
          जब सरलता भी साथ हो।
प्रसिद्धि तभी सार्थक हैं
            जब मन में निरअहंकारिता हो।
बुद्धिमता तभी सार्थक हैं
              जब विवेक भी साथ हो।
दोस्ती का होना तभी सार्थक हैं
           जब उसमे प्यार और विश्वास हो


        
 


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