फ्यूचर लाइन टाईम्स
फ्यूचर लाइन टाईम्स के संवाददाता मोहित खरवार से चौधरी बीसी प्रधान प्रदेश महामंत्री भाकियू भानु ने नोएडा कार्यालय पर बजट पर विचार रखते हुए कहा कि जब तक किसान आयोग का गठन नही किया जायेगा तब तक किसानों के साथ यही होता रहेगा और किसान आत्महत्या के लिए तैयार होता रहेगा पिछले बजट में मोदी जी ने बजट में करीब 14 लाख करोड़ का बजट किसानों को संस्थागत ऋण के लिए दिया था किंतु इस बर्ष करीब 9 लाख करोड़ ही बाट पाए जबकि देश की आधी किसान आवादी ऋण ग़ैरसंस्थागत संस्थाओं से ले रही है। गांव के लिए बैलगाड़ी और उद्योगपतियों के लिए रेल गाड़ी में बजट का आवंटन कर ग्रामीण एवम शहरी अर्थव्यवस्था में खाई पैदा करने वाला बजट है,जो गांव किसान गरीब के लिए बिना बरसने वाले बादलो की तरह है ।
इस साल का बजट भी हर साल के बजट की तरह आशावान दिखाने की पुरजोर कोशिश की गई किंतु पिछले बर्ष के बजट का मूल्यांकन औऱ सरकार की पूंजीवादी सोच को देखकर तो निराशा ही हाथ लगी है।
यह सरकार की कथनी एवम करनी में अंतर का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाला है, इस बजट से ग्रामीण औऱ शहरी अर्थव्यवस्था में खाई पैदा करने वाला बजट है इसलिए इस बजट में किसानों को आय सुनिश्चित करने का प्रावधान होना था जो कही दिखाई नही दिया।
इस बजट में वित्त मंत्री जी द्वारा कई अलग अलग भाषाओं में बड़े बड़े शब्दो जैसे इंट्रीग्रेटेड, फोकस्ड एरिया, मॉर्डन फार्मिंग, बैलेंस यूटिलिटी ऑफ फेर्टिलिसर,नेचुरल फार्मिंग, ऑर्गेनिक मार्केट की बाते कही गई है मगर बातों की बजाय बजट की राशि का आवंटन होना चाहिए था जो हुआ नही है
देश मे जिस तरह पूंजी का एकत्रीकरण सीमित लोगो के हाथों में जा रहा ऐसे में देश मे किसानों को मजबूत करने के लिए सहकारिता की तरफ ध्यान देना था, वेयरहाउस प्रवंधन, MSP खरीदी, ग्रामीण रोजगार, पलायन, किसान आत्महत्या, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना,सॉइल हेल्थ कार्ड ,ई-नाम,डेरी, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, गुणवत्तापूर्ण आदानों,सिंचाई,एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने जैसे प्रमुख मूद्दो को मोदी जी की मन की बात के लिए छोड़ दिया है ।
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