फ्यूचर लाइन टाईम्स...
हापुड़ में मौसम के बदलने के साथ ही बच्चों में बीमारी के संक्रमण भी बढ़ जाते हैं। कभी गर्मी बढ़ जाती है तो कभी हल्की ठंड का अहसास होने लगता है। ऐसे में बच्चों को लेकर खास तौर पर फिक्र बंद रहने की जरूरत है।हमारी हल्की सी लापरवाही उनको जानलेवा बीमारी जैसे डायरिया,वायरल फीवर, निमोनिया आदि वायरल फीवर से ग्रस्त हो सकते।नवजात शिशु को इस मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत हो सकती है ।अगर बच्चों में खांसी,नाक बहना, बुखार ,सांस लेने में कठिनाइयां, पसली चलना या हाफना कुछ भी खा और पी रहा हो बहुत सुस्ती हो बेहोशी जैसी हालत हो इत्यादि में से कुछ भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ।
यह लक्षण गंभीर निमोनिया जैसी बीमारियों के खतरे का संकेत हैं। बदलते मौसम में होने वाली बीमारियां एवं उसके उपाय के बारे में बताते हुए रामा हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अमित यादव इंचार्ज एनआईसीयू और पीआईसीयू ने बताया कि सुबह शाम बच्चों को गर्म कपड़े पहनाए नवजात बच्चों को भी कपड़ों से ढक कर रखें ताकि किसी भी स्थिति में बच्चों को ठंडा लगे। बच्चों में होने वाले किसी भी तरह के परिवर्तन के प्रति सचेत रहें जैसे नवजात शिशु की से दूध पी रहा है या नहीं नींद में कमी आए या तेज बुखार हो तो घरेलू इलाज ना करें। चिकित्सक की सलाह ले बच्चे के शरीर में पानी की कमी ना होने दें पानी की कमी पूरी होने के लिए पानी की जगह जूस,सुप भी दे सकते हैं।बाहरी संक्रमण से बचना है तो बच्चों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें बच्चों को नहला धुला कर साफ कपड़े पहनाए और दिन भर में 2 से 4 बार उनके कपड़े जरूर बदले। इसके अलावा खाने की किसी भी चीज को लेने से पहले हाथ को अच्छा तरह धोना और बच्चे जब भी बाहर से घर आए तो उनके हाथ पैर धोए या उन्हें हाथ पैर धोने की आदत डालें।आगे जानकारी देते हुए डॉक्टर अभिषेक कुमार ने बताया कि खांसी हो या सर्दी जुखाम से पीड़ित कोई बच्चा जब सांस या छींकता है तो उसके जीवाणु दूसरे बच्चे को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं खासकर जब गर्मियां आने वाली होती हैं एकदम बाहर निकलने से बच्चे को बचाना चाहिए।बच्चों के सारे कपड़े एक साथ ना उतारे बल्कि एक एक करके धीमे-धीमे उतारे यदि आपका बच्चा अच्छे से खा नहीं रहा है तेज बुखार है सुस्त है या तेज खांसी है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।उपाय हल्दी वाला दूध हल्दी एक बेहद रोगाणु रोधक एंटीसेप्टिक है और सर्दी जुकाम में भी है काफी असरदार है बच्चे में जैसे ही वायरल या सर्दी जुकाम के लक्षण नजर आएं तो उसे हल्दी वाला दूध लाने की दूध में चुटकी भर हल्दी मिला कर दे इससे बच्चे के शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही खांसी में राहत मिलेगी अगर आप का बच्चा चावल खाना पसंद करता है तो चावल में थोड़ा हल्दी पाउडर डालकर पकाएं ऐसा करने से चावल का बादी प्रभाव कम हो जाता है और सर्दी जुकाम होने की संभावना कम हो जाती है।यदि आपके बच्चे को हल्का सा जुखाम या फ्लू है तो उसको कुछ घरेलू उपचार जैसे अदरक हल्दी का अनार का रस देना चाहिए मैं एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो बच्चे को उस बीमारी से लड़ने में सहायक होता है
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