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विश्व पर्यावरण सम्मेलन 2020 का दिल्ली विश्वविधालय मे हुआ आयोजन

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


एनवायरमेंट एंड सोशल डवलपमेंट एसोसियेशन ने दिल्ली विश्वविधालय के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीटयूट मे दो दिवसीय विश्व पर्यावरण सम्मेलन ESDACON 2020 का आयोजन किया


सम्मेलन का उदघाटन विश्वप्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एव भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, आई.आई.टी रूड़की के प्रोफेसर एस. के. सिह, सी.एस.आई.आई-नीरी दिल्ली के अध्यक्ष डॉ संजीव गोयल, ई.एस.डी.ए. के राष्ट्रीय महासचिव डॉ जितेंद्र नागर, अम्बेडकर कालिज के प्रधानाचार्य डॉ जी.के. अरोरा एव दिल्ली तकनीकि विश्वविधालय के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जय गोपाल शर्मा  ने दीप प्रज्वलित करके किया.


प्रोफेसर रमेश चंद ने मुख्य अतिथि के रूप मे अपने उदघाटन भाषण मे कहा कि इस समय देश के प्राकृतिक संसाधनो एव पर्यावरण की हालात अच्छी नही है. देश मे पानी का संकट बढ़ता जा रहा है हवा दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही. इसलिए सरकार के प्रयास के साथ साथ देश के नागरिको को भी पर्यावरण के प्रीति  संवेदनशील होना होगा. कार्यकम संयोजक डॉ जितेंद्र नागर ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय समस्याओ के कारणो को बारीकी से समझना एव उसके समाधानों को तलाशना है क्योकि जिस प्रकार दुनिया जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तपन, ओजोन परत का क्षय, वायु प्रदूषण, जैवविविधता का विनाश एव जल प्रदूषण व जल उपलब्धता का संकट जैसी वैश्विक समस्याओ से ग्रषित है ऐसी स्तिथि मे ऐसे अनेक सम्मेलन एव कॉन्फ्रेंस करने की जरूरत है तथा लोगो को पर्यावरण के प्रीति जागरूक करने की जरूरत है.


पर्यावरण सम्मेलन के समापन समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप मे नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल के पूर्व चेयरपर्सन एव सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री स्वतंत्र कुमार, विशिष्ट अतिथि पदमा श्री एव मेगसेसे अवार्डी व सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन लायर एम. सी. मेहता, अमेटी विश्वविधालय गुरुग्राम के कुलपति प्रोफेसर पी. बी. शर्मा, झारखंड कैपिटल विश्वविधालय के कुलपति प्रोफेसर एम. के. बाजपाई, ई.एस.डी.ए. के राष्ट्रीय महासचिव डॉ जितेंद्र नागर एव कार्यक्रम अध्यक्ष अरुणाचल प्रदेश की इंदिरा गांधी मेडिकल एव टेक्नॉलॉजीकल विश्वविधालय के कुलाधिपति डॉ मार्कंड राय रहे.  


यह सम्मेलन ई.एस.डी.ए. एव सी.एस.आई.आर.-नीरी, डॉ भीम राव अंबेडकर कालिज, दिल्ली विश्वविधालय, दिल्ली तकनीकी विश्वविधालय, जी.डी. गोयनका विश्वविधालय गुरुग्राम, ई.सी.पी.एफ.ओ., अमेरिका की यू.ए.जी.एम. विश्वविधालय तथा सॉउथ एशिया के क्लाइमेट चेंज चेप्टर की साझीदारी मे आयोजित किया गया. सम्मेलन मे अमेरिका के प्रोफेसर  ग्रिम स्मिथ, प्रोफेसर अशोक कुमार, प्रसाद रेड्डी, नेपाल की प्रोफेसर साधना प्रधानागा, नाइजीरिया के डॉ डी डेनियल, साउदी अरेबीया के डॉ मोहम्मद उलुबिन शेख तथा आई.आई. दिल्ली के प्रोफेसर मुकेश खरे, आई.आई टी रुड़की के प्रोफेसर एस.के. सिह, पटेल चेस्ट निदेशक प्रोफेसर राजकुमार, पूर्व कुलपति प्रोफेसर के. के. शर्मा, पूर्व कुलपति प्रोफेसर ओ. पी. अग्रवाल, पूर्व कुलपति प्रोफेसर ए.डी. सावंत, पूर्व कुलपति एस.वी.एस. राणा, सह कुलपति प्रोफेसर एच. बी. शर्मा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन परितोष त्यागी, जी.डी. गोयनका विश्वविधालय के डीन प्रोफेसर ठाकुर, जे.एन.यू. के प्रोफेसर मिलाप पुनिया, प्रोफेसर तनु जिंदल, प्रोफेसर संजीव अग्रवाल, ज्ञानेंद्र रावत, कृष्ण व्यास, विक्रांत तोगड, डॉ शिप्रा मिश्रा, इंद्रजीत घोष, प्रोफेसर त्रिवेदी एव अनेक विश्वप्रसिद्ध  लोगो ने पर्यावरण के विभिन्न विषयो पर अपने उद्बोधन एव शोध प्रस्तुत किए.


सम्मेलन मे देश एव दुनिया के 42 विशिष्ट लोगो को ई.एस.डी.ए. ग्रीन अवार्ड से सम्मानित किया गया जिसमे मुख्य रूप से अमेरिका के मिशिगन से प्रोफेसर अशोक कुमार, टेक्सस से प्रसाद रेड्डी, नेपाल से प्रोफेसर साधना प्रधानागा, पदमा श्री एव मेगसेसे अवार्डी एम. सी. मेहता, अमेटी विश्वविधालय गुरुग्राम के कुलपति प्रोफेसर पी. बी. शर्मा, जल पुरुष राजेंद्र सिह, डॉ मार्कंड राय, प्रोफेसर मुकेश खरे, प्रोफेसर एस.के. सिह, पूर्व कुलपति प्रोफेसर के. के. शर्मा, पूर्व कुलपति प्रोफेसर ओ. पी. अग्रवाल, पूर्व कुलपति प्रोफेसर ए.डी सावंत, पूर्व कुलपति एस.वी.एस. राणा, सह कुलपति प्रोफेसर एच. बी. शर्मा, डॉ जी. के. अरोरा, प्रोफेसर मिलाप पुनिया, भू त्यागी, ज्ञानेंद्र रावत, कृष्ण व्यास, डॉ शिप्रा मिश्रा, इंद्रजीत घोष, प्रोफेसर त्रिवेदी, डॉ गीतांजलि सगीना, डॉ कविता खटाना, डॉ संध्या मिश्रा, उमेश पूर्वे, डॉ मोनिका अहलावत, सोनम दत्ता, डॉ राजबाला गौतम, डॉ किशोर कुमार, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ प्रियंका पांचाल, डॉ प्रदीप कुमार, रवींद्र अहमद, एव डॉ मेहजबीन अफाक उपस्थित रहे 


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