फ्यूचर लाइन टाईम्स
नोएडा शहर के सभी चौराहे सीसीटीवी कैमरों से लैस किये जा चुके हैं। इससे यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों पर सीधी नजर रखी जा रही है। सड़क को अपनी जागीर और चौराहे को चांदमारी समझने वाले बहुत से लोग ऑनलाइन चालान मिलने पर भी समझ नहीं पाते कि उन्होंने तो आंखें मूंदकर वाहन चलाया था, फिर उन्हें किसने देख लिया। कैमरे मुस्तैद हैं (हालांकि वारदात वाले दिन और समय ये भी लापरवाह हो जाते हैं) परंतु अधिकांश चौराहों की रेडलाइट दिन में एक दो बार खराब हो जाती हैं। कुछ चौराहों की रेडलाइट के डाटा कार्ड ठीक से काम नहीं करते जिससे रेडलाइट से ग्रीन या येलो लाइट होने का सही पता नहीं चल पाता। ऐसे भ्रम में लोग रेडलाइट का उल्लघंन कर बैठते हैं। इसी वजह से चौराहों पर जाम की समस्या बनी रहती है। रेडलाइट पर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी स्मार्ट फोन पर सोशल मीडिया के चंगुल में फंसे रहते हैं। कैमरे मुस्तैद रहते हैं परंतु रेडलाइट के गुल हो जाने या खराब हो जाने पर उनकी मुस्तैदी ऐसी ही होती है जैसे मौके का गूंगा-बहरा गवाह।
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