फ्यूचर लाइन टाईम्स
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के द्वारा दो जनपदों नोएडा व लखनऊ में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू करने के साथ अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आईएएस लॉबी में गहरी नाराजगी बताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने पुलिस एक्ट की धारा-2 के तहत सोमवार को राज्य के दो जनपदों गौतमबुद्धनगर व लखनऊ को न केवल महानगर घोषित किया बल्कि इनमें पुलिस आयुक्त व्यवस्था भी लागू कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में स्वयं इस निर्णय की घोषणा की। इस संबंध में एक सप्ताह पहले से चर्चाओं का जोर था जो आज सच साबित हो गयीं। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से कानून व्यवस्था संबंधी कई अधिकार अब जिलाधिकारी से पुलिस को हस्तांतरित हो जायेंगे। अब इन दोनों पुलिस जनपदों में शस्त्र लाइसेंस,मदिरा के ठेके देने तथा रैली, सभाओं की अनुमति व धारा 144 की घोषणा पुलिस के स्तर से जारी होंगे। सूत्रों के अनुसार परीक्षण के तौर पर दो जनपदों से प्रारंभ होने वाली यह व्यवस्था बाद में समूचे राज्य में लागू की जा सकती है। इस व्यवस्था के लागू होने को आईपीएस लॉबी की आईएएस लॉबी पर जीत माना जा रहा है। जिलाधिकारियों व अन्य प्रशासनिक पदों पर नियुक्त अधिकारियों के अधिकारों में कटौती होने से आईएएस लॉबी में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। बताया गया है कि शीघ्र ही आईएएस एसोसिएशन अपनी नाराज़गी से मुख्यमंत्री को अवगत करा सकती है। अग्रिम मोर्चेबंदी के तहत कुछ वरिष्ठ व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा गया है। पत्र में इस व्यवस्था को ब्रिटिश हुकूमत की अन्यायपूर्ण पुलिस व्यवस्था के समान बताया गया है। यदि सरकार के स्तर पर शीघ्र ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो इस व्यवस्था को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच अधिकारों के हस्तांतरण को लेकर तीखे मतभेद भी सामने आ सकते हैं।
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