फ्यूचर लाइन टाईम्स
दिनांक दिसम्बर 22, 2019 को दो दिवसीय लघु गुरुकुल प्रशिक्षण सत्र का समापन हुआ।
प्रशिक्षण सत्र में वैदिक सिद्धान्तों को आचार्य महेश आर्य ने बड़ी सरलता से समझाया, जन्मजात जाति गत व्यवस्था, मूर्ति पूजा, मांसाहार, मदिरा सेवन, आलस्य प्रमाद, अकर्मण्यता को वेद विरुद्ध सिद्ध किया और बताया कि वेद की आज्ञाओं का पालन करना धर्म है, वेद की आज्ञाओं का पालन न करके अन्य पूजा पद्धतियों में विश्वास करना अधर्म है, ईश्वर की उपासना करने की सही विधि का भी मार्गदर्शन किया । जन्मजात जातिगत व्यवस्था से ऊपर उठकर कार्यक्रम में सम्मलित सभी महिलाओं पुरुषों, नवयुवक एवं नवयुवतियों को यज्ञोपवीत धारण कराया गया । यह भी सिद्ध किया कि कर्मों के आधार पर कोई भी ब्राह्मण बन सकता है। महान कार्य को आगे बढ़ाने में आर्य निर्मात्री सभा का सबसे बड़ा योगदान है, आर्य निर्मात्री सभा प्रशंसा की पात्र है। एवं सभी दानदाताओं का बहुत बहुत आभार इनके प्रयासों ही यह कार्यक्रम सफल रहा । कार्यक्रम की भव्यता व सफलता का श्रेय दानवीर महानुभावो को जाता है जिन्होने मुक्तहस्तदान देकर आर्यनिरूमात्री सभा बदायू की श्रीमद्दयानंद वैदिक संस्कारशाला के कर्मठ एवम् धुनि के धनी युवाआर्यवीरो का उत्साह वर्धन किया।इनमे आर्य राजेन्द्र वेदपथी राजीवराजवेदपथी वीरपाल आर्य कृष्णपाल आर्य अमर पाल आर्य रूपकिशोर आर्य अशोक कुमार खुरान राजेन्द्र मथुरिया श्रीमद्दयानंद वैदिक संस्कारशाला शिवकालोनी बदायू के संस्थापक पं दयाराम वेदपथी के निर्देशन मे आर्य निर्मात्री निर्माण अभियान मे सफलता प्राप्त हुई
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