-->

टूटने से यह फिर नहीं जुड़ता है और जुड़ने पर भी एक कसक रह जाती है

फ्यूचर लाइन टाईम्स 



रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाये
टूटे से फिर ना जुटे जुटे गाॅठ परि जाये ।


अर्थ : प्रेम के संबंध को सावधानी से निबाहना पड़ता है । थोड़ी सी चूक से यह संबंध टूट जाता है ।
टूटने से यह फिर नहीं जुड़ता है और जुड़ने पर भी एक कसक रह जाती है।


ंजे सुलगे ते बुझि गये बुझे तो सुलगे नाहि
रहिमन दाहे प्रेम के बुझि बुझि के सुलगाहि ।


अर्थ : सामान्यतः आग सुलग कर बुझ जाती है और बुझने पर फिर सुलगती नहीं है ।पे्रम
की अग्नि बुझ जानेके बाद पुनः सुलग जाती है। भक्त इसी आग में सुलगते है


रहिमन खोजे ईख में जहाॅ रसनि की खानि
जहां गांठ तहं रस नही यही प्रीति में हानि।


अर्थ : इख रस की खान होती है पर उसमें जहाॅ गाॅठ होती है वहाॅ रस नहीं होता है।
यही बात प्रेम में है। प्रेम मीठा रसपूर्ण होता है पर प्रेम में छल का गाॅठ रहने पर वह प्रेम नहीं रहता है।


धनि रहीम गति मीन की जल बिछुरत जिय जाय
जियत कंज तजि अनत वसि कहा भौरे को भाय।


अर्थ : मछली का प्रेम धन्य है जो जल से बिछड़ते हीं मर जाती है।
भौरा का प्रेम छलावा है जो एक फूल का रस ले कर तुरंत दूसरे फूल पर जा बसता है।
जो केवल अपने स्वार्थ के लिये प्रेम करता है वह स्वार्थी है।


सबको सब कोउ करै कै सलाम कै राम
हित रहीम तब जानिये जब अटकै कछु काम ।


अर्थ : सबको सब लोग हमेशा राम सलाम करते हैं।परन्तु जो आदमी कठिन समय में रूके
कार्य में मदद करे वही वस्तुतः अपना होता 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ