फ्यूचर लाइन टाईम्स
वैदिक साम्यवाद के शिक्षा विषयक मौलिक तत्वों के प्रथम उद्घोषक स्वामी दयानंद
1. सबको तुल्य वस्त्र खान-पान आसान आदि दिए जाये चाहे वह राजकुमार, चाहे राजकुमारी हो, चाहे दरिद्र की संतान हो, सभी को तपस्वी होना चाहिए।
2. इसमें राजनियम वा जातिनियम होना चाहिए कि पांचवें अथवा आठवें वर्ष से आगे कोई अपने लड़के और लड़कियों को घर में न रख सके। पाठशाला में अवश्य भेज देवें। जो न भेजे वह दंडनीय हो।
--सत्यार्थ प्रकाश
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