फ्यूचर लाइन टाईम्स
जो रहीम ओछो बढै तो अति हीं इतराय
प्यादे सेंा फरजी भयो टेढेा टेढेा जाय ।
अर्थ : नीच ब्यक्ति का स्वभाव नही बदलता। उन्नति के साथ उसकी नीचता बढती जाती है।
शतरंज में प्यादा जब मंत्री बन जाता है तो उसकी चाल टेढी हो जाती है।
रहिमन याचकता गहे बड़े छोट ह्वै जात
नारायराा हू को भयो बाबन आंगुर गात ं।
अर्थ : भिक्षा माॅगने बाला बड़ा ब्यक्ति भी छोटा हो जाता है।
भगवान विश्नु को भी मांगने के लिये महाराज बलि के पास बाबन अंगुली का बौना-बामन अवतार लेना पड़ा था।
रहिमन वित्त अधर्म को जरत न लागै बार
चोरी करि होरी रची भई तनिक में छार ।
अर्थ : अधर्म से कमाया गया धन के विलुप्त होने में देर नही लगती।
होलिका दहन के लिये लोग चोरी करके लकड़ियाॅ जमा करते हैं जो तुरंत हीं जलकर राख हो जाता है।
बेईमानी से अर्जित धन राख की ढेरी के समान हैं।
रहिमन सूधी चाल में प्यादा होत उजीर
फरजी मीर न ह्वै सकै टेढे की तासीर ।
अर्थ : शतरंज में सीधे सीधे चलने से प्यादा भी वजीर हो जाता है पर टेढे टेढे चलने का फल है कि मंत्री कभी भी बादशाह नही बन पाता है।
उच्च पद पाने हेतु सीधापन होना चाहिये।कपट से कोई बड़ा नही बन सकता
लिखि रहीम लिलार में भई आन की आन
पद कर काटि बनारसी पहुॅची मगहर थान ।
अर्थ : भाग्य के लेख को मिटाया नही जा सकता।किसी ने काशी में मरकर मोक्ष पाने के लिये अपने हाथ पैर काट लिये-पर वह किसी प्रकार मगहर पहुॅच गया।
कहते हैं कि मगहर में प्राण त्यागने से गदहा में जन्म होता है।भाग्य के आगे ब्यक्ति की समस्त युक्तियाॅ ब्यर्थ हो जाती है।
उरग तुरग नारी नृपति नीच जाति हथियार
रहिमन इन्हें सॅभारिए पलटत लगै न बार ।
अर्थ : साॅप;घेाड़ा;स्त्री;राजा;नीच ब्यक्ति और हथियारांे को हमेशा संभालकर रखना चाहिये और इनसे सर्वदा होशियार रहना चाहिये।
इन्हें पलट कर वार करने में देर नही लगती है।
कागद को सो पूतरा सहजहि में घुलि जाय
रहिमन यह अचरच लखो सोउ खैचत बाय ।
अर्थ : कागज पानी में आसानी से तुरंत घुल जाता है और घुलते घुलते भी पानी के अंदर से भी हवा को खीचता है।
मनुश्य का शरीर भी इसी प्रकार मरते समय भी माया मोह और घमंड को नही छोड़ता है।
करत निपुनई गुन बिना रहिमन निपुन हजूर
मानहु टेरत विटप चढि मोहि समान को कूर ।
अर्थ : गुरााहीन ब्यक्ति जब अपनी चतुराई दिखाने का प्रयास करता है तो उसकी कलई खुल जाती है।
ऐसा प्रतीत होता है कि वह पेड़ पर चढकर अपने पाखंड की उद्घेाशना कर रहा हो ।
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