फ्यूचर लाइन टाईम्स
रहिमन प्रीत न कीजिये जस खीरा ने कीन
उपर से दिल मिला भीतर फाॅके तीन ।
अर्थ : खीरा बाहर से एक दिखता है पर भीतर वह तीन फाॅक में रहता है।प्रेम बाहर भीतर
एक जैसा होना चाहिये।प्रेम में कपट नही होना चाहिये।वह बाहर भीतर से एक समान
पवित्र और निर्मल होना चाहिये।केवल उपर से दिल मिलने को सच्चा प्रेम नही कहते।
रहिमन मारग प्रेम को मर्मत हीन मझाव
जो डिगिहैं तो फिर कहूॅ नहि धरने को पाॅव ।
अर्थ : प्रेम का मार्ग अत्यंत खतरनाक खाईयों वाला वीहड़ है।
यदि कोई इस रास्ते से डिग गया-पथ भ्रश्अ हो गया तो उसे पुनः पैर रखने को भी स्थान नही मिलता है ।
प्रेम के पथ में प्राण बलिदान करने को तैयार रहना चाहिये।
रहिमन रिस को छाडि कै करो गरीबी भेस
मीठो बोलो नै चलो सबै तुम्हारो देस ।
अर्थ : क्रोध छोड दो सादगी में रहो।प्रेम से मीठा बोलो।
नम्रता युक्त चालचलन रखो।सम्पूर्ण संसार में तुम्हारी प्रतिश्ठा रहेगी ।
कहि रहीम या जगत तें प्रीति गई दै टेर
रहि रहीम नर नीच में स्वारथ स्वारथ टेर ।
अर्थ : रहीम को लगताहै कि इस संसार में प्रेम समाप्त हो गया है।
निकृश्अ लोगों में केवल स्वार्थ रह गया ।
दुनिया में स्वार्थी लोग रह गये हैं।दुनिया मानव रहित खोखली हो गई है।
जेहि रहीम तन मन लियो कियो हिय बेचैन
तासों सुख दुख कहन की रही बात अब कौन ।
अर्थ : जिसने हमारा तन मन ले लिया है और हमारे हृदय में अपना निबास स्थान बना लिया
अब उससे अपना सुख दुख कहने की कया जरूरत है।अब उससे कया बात कहना बच
गया है।शरणागत भक्त सभी चिन्ताओं से मुक्त हो जाता हैं।
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