फ्यूचर लाइन टाईम्स
महापुरुषों ने ये समझाया है तालाब सदा कुँऐ से सैंकड़ों गुना बड़ा होता है फिर भी लोग कुँऐ का ही पानी पीते हैं., क्योंकि कुँऐ में गहराई और शुद्धता होती है। मनुष्य का बड़ा होना अच्छी बात है., लेकिन उसके व्यक्तित्व में गहराई और विचारों में शुद्धता भी होनी चाहिए तभी वह महान बनता है "मन तो सदैव उन छवियों का प्रतिबिम्ब होता है जिन्हें हम अपने जीवनकाल मधुर स्मृतियों मे संजोते हैं
और उन स्मृतियों के लिए हमारा पूरा जीवन समर्पित रहता है".!
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