फ्यूचर लाइन टाईम्स
अपने मन को मैं समझाऊँ कैसे ?
आज मंगलगीत मैं गाऊँ कैसे ?
भगत सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया हो जिन्होने
आजाद को धोखे मार दिया जिन्होंने,
सुभाष को ज़िन्दा ही मृत घोषित कर दिया हो जिन्होंने,
रानी झांसी को धोखे से मार दिया हो जिन्होंने,
मैं उनका नववर्ष मनाऊँ कैसे ?...
सभी को प्यार से बोल रहा हूँ कि मुझे इस अंग्रेज़ी त्योहार की बधाई का कोई भी मेसैज ना भेजें।
केवल वही भेजें, जो या तो अंग्रेज़ हों या उनके गुलाम हों, ताकि पता चले कि हमारे देश में अभी भी कितने अंग्रेज़ या उनके गुलाम हैं।
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