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राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस बरषत बारिद बूंद गहि, चाहत चढ़न अकास

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


प्रीति प्रतीति सुरीति सो, राम राम जपु राम
तुलसी तेरो है भलो, आदि मध्य परिणाम
              


तुलसी हठी हठी कहत नित चित सुनी हित करी मानी
लाभ राम सुमिरन बड़ो, बड़ी बिसारे हानि
           


राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस
बरषत बारिद बूंद गहि, चाहत चढ़न अकास
            


हम लखि लखही हमार लखि हम हमार के बिच
तुलसी अलखही का लखही, राम नाम जपु नीच
            
 मोर मोर सब कह कहसी, तू को कहू निज नाम
कै तुलसी चुप साधही सुनी समुझी, कै तुलसी जपु राम
            


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