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राजनीति के चक्कर में जनता को मूल समस्यायों से भटकाने का चल रहा है खेल।

फ्यूचर लाइन टाईम्स


हमारी सबसे बड़ी समस्या आम जनमानस में व्याप्त भय भूख और भ्रष्टाचार है। पीड़ित भी देशभक्त है कोई देशद्रोही नहीं।


देश में व्यवस्था परिवर्तन की महति आवश्यकता है नहीं तो ये धनबली पुंजीपती और बाहुबली किसी को चैन की सांस नहीं लेने देंगे नियम कानून शासन प्रशासन सब इनके जेब में रहता है। गरीबों और कमजोरो पर जुल्म ज्यादती अन्याय और उत्पीड़न इनके लिए आम बात है।
हम पुछना चाहते हैं शोशल मिडिया से जुड़े सभी सम्मानित मित्रों व बुद्धिजीवियों से कि आखिर क्यों हम मूलभूत समस्याओं के निजात से भटक रहे हैं, कौन भटका रहा है और कैसे ? हम मानते हैं कि देश में आजादी से लेकर अब तक काफी परिवर्तन हुआ लेकिन व्यवस्था की कार्यपद्धति क्या है ? जब आप लोग इस पर गहन अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि हमेशा से इंसानों के बीच की असली खाई अमीरी और गरीबी की है जो हर जाति हर वर्ग मजहब व धर्म में पाई जाती है।
उदाहरण के लिए हमारे पास जनपद संत कबीर नगर से यैसे प्रकरण प्रमाण के रूप में मौजूद हैं कि यदि सघन समीक्षा हो जाएं तो तमाम अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि जनता की ओर से रिजेक्ट हो जाएंगे आगे की जिम्मेदारी सरकार की है। अतः आग्रह है कि इस बिंदु पर तर्क वितर्क अवश्य हो तथा धरातल की सच्चाई सरकार और न्ययालय तक पहुंचे । सौजन्य से भारतीय प्रजापति महासंघ एकीकरण महाअभियान भारत वर्ष


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