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राहुल गांधी के द्वारा वीर सावरकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी कर अपना मानसिक दिवालियापन घोषित किया है : स्वामी चक्रपाणि

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


वीर सावरकर न होते तो हम आज भी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन होते - स्वामी चक्रपाणि महाराज


नई दिल्ली : अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने हिन्दू महासभा भवन में  आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को राष्ट्र धर्म का संदेश देते हुए उनके द्वारा वीर सावरकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को उनका मानसिक दिवालियापन घोषित किया । स्वामी ने अपने संबोधन में कहा कि वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की केंद्रीय धुरी थे । उन्होंने सुभाष चंद्र बोस , भगत सिंह , चाफेकर बंधु , चंद्र शेखर आजाद जैसे सैकड़ों युवकों के अंदर ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध क्रांति की ज्वाला उत्पन्न की । इन्ही क्रांतिकारियों के बलिदान से भारत स्वतंत्र हुआ ।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने राहुल गांधी को मानसिक रोगी घोषित करते हुए उन्हें योग्य मनोचिकित्सक से चिकित्सा करवाने का सुझाव दिया है । स्वामी चक्रपाणि महाराज ने राहुल गांधी की स्मरण दिलाते हुए कहा कि सन 1980 में उनकी दादी इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वीर सावरकर का स्वतंत्रता संग्राम में विशेष स्थान बताते हुए उनकी शताब्दी वर्ष कार्यक्रम की सफलता की कामना की थी ।स्वामी ने कहा कि यदि वीर सावरकर न होते तो हम आज भी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन होते । उन्होंने महात्मा गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गांधी जी ने ब्रिटिश हुकूमत से कभी पूर्ण स्वराज्य नहीं मांगा । उन्होंने सदैव  ब्रिटिश हुकूमत से भारतीयों के लिए अधिकार बढ़ाने की मांग की , न कि पूर्ण स्वराज्य । स्वतंत्रता संग्राम में गांधी नेहरू सहित सम्पूर्ण कांग्रेस का योगदान वीर सावरकर के योगदान के नख बराबर भी योगदान नही था । 
     स्वामी जी ने कहा कि कांग्रेस ने चापलूस साहित्यकारों से गांधी - नेहरू - कांग्रेस के नाम छद्म स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास लिखवाकर न केवल देशवासियों को गुमराह किया , वरन वीर सावरकर के योगदान की पूरी तरह से उपेक्षा करके उन्हें खलनायक सिद्ध करती रही ।
     अन्त में स्वामी जी ने कांग्रेस और उनके नेताओ पर समय समय पर वीर सावरकर के विरुद्ध विषवमन करते हुए अपना राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करते रहने का आरोप लगाया है  । उन्होंने कहा कि देश की जनता अब गांधी नेहरू और कांग्रेस छद्म धर्मनिरपेक्षता और मुस्लिम तुष्टिकरण का चरित्र और वीर सावरकर की राष्ट्रवादी हिंदूवादी विचारधारा के बीच अंतर को भली भांति समझने लगी है । राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान करके कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोंक दी है । कांग्रेस 100 साल तक भी केंद्रीय सत्ता में वापसी नहीं कर सकती , क्योंकि गांधी नेहरू युग समाप्त हो चुका है ।


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