फ्यूचर लाइन टाईम्स
माँगत माँगत से मान घटे
प्रीति घटे नित प्रिय घर जाये से ।
ओछे की संगत से बुद्धि घटे
क्रोध घटे मन को समझाये से ।
तेज घटे पर नारी की संगति
भूख घटे कुछ भोजन खाये से ।
भक्त कहे सुन रे मन मूरख
पाप घटे हरि के गुण गाये से ।।
0 टिप्पणियाँ