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पाप घटे हरि के गुण गाये से

फ्यूचर लाइन टाईम्स


माँगत माँगत से मान घटे
      प्रीति घटे नित प्रिय घर जाये से ।
ओछे की संगत से बुद्धि घटे
       क्रोध घटे मन को समझाये से ।
तेज घटे पर नारी की संगति
        भूख घटे कुछ भोजन खाये से ।
भक्त कहे सुन रे मन मूरख
         पाप घटे हरि के गुण गाये से ।।


 


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