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निर्भय सिंह गुर्जर बड़ा अपराधी

फ्यूचर लाइन टाईम्स


दहशतगर्दी का दूसरा नाम निर्भय सिंह गुर्जर दिनांक दिसम्बर  31,2019 को दसू सम्राट निर्भय सिंह गुर्जर के गांव गंदास पूरा जाना हुआ जहां पर बुजुर्गों से मिलकर उनकी कहानी सुनी सन, 1984 में निर्भय सिंह गुर्जर ने प्रथम डकैती गांव के ही पहले से डकैत रहे फकड़ पंडित के बहकावे में आकर की थी उसके बाद बेहड़ का रास्ता अपनाया। उसके बाद निर्भय सिंह गुर्जर का सामना डकैत लालाराम खंगार फूलन देवी तथा सीमा परिहार गैंग से आमना-सामना हुआ कई घंटों तक गोलियां चली उसके बाद सीमा परिहार ने निर्भय गुर्जर के सामने आत्मसमर्पण किया और उनकी गैंग में शामिल हो गई और उनसे शादी कर ली उसके बाद चंबल में दसू सम्राट का नाम चंबल के बेहड़ों में गूंजने लगा। गांव के बुजुर्गों का मानना है कि जब तक निर्भय गुर्जर डकैत रहे तब तक उनके गांव में अमन शांति नहीं आई पुलिस का दबाव तो कहीं डकैतों का बना रहता था। उनके घर खंडर बने हुए जिनके छायाचित्र आपके सामने प्रस्तुत है कथा ऐसा बताया जाता है कि उनके द्वारा यहां पर लगभग सेकडो गांव के सरपंच ,जनपद सदस्य ,जिला सदस्य उनके एक इशारे पर ही नियुक्त किए जाते थे। तथा कई गरीब परिवार की बेटियों का विवाह उनके द्वारा कराए जाते थे हमेशा ही उन्होंने गरीबों की सहायता की तथा पूजा-पाठ भी देवी की बहुत करते थे। वर्तमान में काफी जागरूकता आने के कारण अपराध से दूरी बनाए हुए हैं


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