फ्यूचर लाइन टाईम्स
ईसाइयों और पारसियों को नागरिकता देने का क्या मतलव ? वास्तव में किसी भारतीय का नागरिकता संशोधन कानून से कुछ लेना देना नहीं । इसके दूरगामी दुष्परिणाम हो सकते हैं । नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर व्यर्थ ही इतना बबाल मचा रखा है इसका भारत को कुछ भी लाभ नहीं होने वाला, उल्टे नुकसान ही नुकसान है । यह एक्ट यदि न्यायसंगत है तो पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के लगभग दस करोड करोड हिन्दू ईसाई पारसी जैन बौद्ध जो इस्लाम से प्रताडित हैं उन सबको भारत में बुला कर नागरिकता दे देनी चाहिए ।
0 टिप्पणियाँ