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मंदन के मरिहू गए अबगुन गुन न सराहि ज्यों रहीम बाॅधहु बॅधै मरबा ह्वै अधिकाहि

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


रहीमन थोड़े दिनन को कौन करे मुॅह स्याह
नहीं छनन को परतिया नहीं करन को ब्याह ।


अर्थ : इस संसार में बहुत कम दिन रहना है।
अब बाल काला रंग करके किसी गरीब की बेटी से छलावा करके विवाह करना उचित नही है।
ढलती उम्र में जब वासना जोर मारती है तो लोग धन पद के बल पर गलत रास्ता अपनाता है।


अनकीन्ही बातें करै सोबत जागै जोय


अर्थ : ताहि सिखाय जगायबो रहिमन उचित न होय ।
लोग अपने को ज्ञानी दिखाने हेतु आदर्श बघाड़ते हैं किंतु स्वयं अपने जीवन में उसे नही अपनाते हैं।
वह आदमी जागते हुये भी सोया हुआ है।उस घमंडी को जगाना;सिखाना;समझाना ब्यर्थ है।


जे अनुचितकारी तिन्हें लगे अंक परिनाम
लखे उरज उर बेधिए कयों न हेाहि मुख स्याम।


अर्थ : अनुचित काम का अंतिम परिणाम कलंकित होना है।
जो युवती के उन्नत उरोजों को देखकर काम वासना से पीड़ित होगा-उसका मुॅह काला होगा। अन्याय का फल सबको मिलता है।


मंदन के मरिहू गए अबगुन गुन न सराहि
ज्यों रहीम बाॅधहु बॅधै मरबा ह्वै अधिकाहि।


अर्थ : बुरे लोगों के मरने पर वे अपने दुर्गुण अपने साथियों के पास छोड़ जाते हैं।
बाघ द्वारा मारे गये दुश्अ ब्यक्ति भूत-प्रेत के रूप में जन्म लेकर अधिक कश्अ तकलीफ देते रहते हैं।





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