फ्यूचर लाइन टाईम्स
राम और कृष्ण की धरती,
भारत मेरा,
लूट का सामान थोड़ी है।।
जहां से आए जाओ वहींं,
यह देश है,
रबड़ का मकान थोड़ी है।।
मां पर बलिदान देने की कीमत,
मांगते मां से,
तुम्हारा कोई ईमान थोड़ी है।।
तुमने अपने वतन को ही अपना,
खून बेचा है,
शान का पाकिस्तान थोड़ी है।।
हमारा देश है केवल हमारा,
मत फूंको इसे,
तुम्हारे बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।
नोट- यह विचार केवल देश से गद्दारी करने वालों के लिए हैं, चाहे वह किसी भी मत संप्रदाय के हों।
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