फ्यूचर लाइन टाईम्स
पूरे देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन बिहार की राजनीति पिछले 2 दिनों से गरमाई हुई है।
गरमाने का मुख्य कारण यह है कि जदयू के कद्दावर नेता प्रशान्त किशोर ने एक वयान दिया है। जैसा कि आप सब लोग जानते है कि पिछले 5 राज्यों की विधानसभा का परिणाम देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। और हाल हीं में हुए झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार के साथ साथ अपने मुख्यमंत्री के पद से हाथ धोना पड़ा है। यही सब को देखते हुए पीके ने कहा है अगके साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तुलना में जदयू अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगा। प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बिहार एनडीए में जदयू सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए लोकसभा चुनाव के तरह विधानसभा चुनाव में जदयू समान सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि होने वाले विधानसभा चुनाव जदयू एनडीए के साथ हीं लड़ेगा लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार हीं होंगे। प्रशांत किशोर ने ये भी साफ कर दिया कि ये फार्मूला सिर्फ जदयू और बीजेपी के लिए है न कि लोजपा के लिए ! उन्होंने ये भी कहा कि जब तीनों पार्टी के शिर्ष एक साथ बैठकर बिचार करेंगे तो सब साफ़ हो जाएगा लेकिन मेरे अनुसार जदयू सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगा। वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू 141 और बीजेपी 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा का जीती हुई सीटों का कुल अनुपात 1.4:1 हीं रहा था।
लोकसभा से विधानसभा चुनाव बिल्कुल अलग:-
जिस प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू को मिली सीटों पर तसल्ली करना पड़ा था उस प्रकार होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगा। प्रशांत किशोर ने कहा लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे का फॉर्मूला विधानसभा में लागू नहीं होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव से देश की राजनीति तय होती है और विधानसभा चुनाव से राज्य की,
देश में किसी भी हालत में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए:-
प्रशांत किशोर ने आगे केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को घुसपैठियों और शरणार्थियों के लिए कोई अच्छा तरीका निकालना चाहिए। 130 करोड़ जनता को वेवजह लाइन में खड़ा कर उसकी नागरिकता नहीं पूछ सकते। देश में किसी हाल में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए।
आरसीपी सिंह के दावों को भी ठहराया गलत:-
जदयू में प्रशांत किशोर को सभी से बिल्कुल अलग हीं देखा जाता है। कारण यही है कि पार्टी के शिर्ष नेतओं से बिल्कुल इनका वयान अलग होता है। जदयू के राज्यसभा के नेता आरसीपी सिंह के वयनों को गलत ठहरा दिए,आपको बता दें कि आरसीपी सिंह ने पिछले दिनों कहा था की अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव 15 साल बनाम 15 के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। लेकिन प्रशांत किशोर ने कहा कि ये बात तो सही है लेकिन आगे पांच साल क्या करना है? जनता को ये भी बताना पड़ेगा चुनाव सिर्फ़ पुरानी बातों पर नहीं लड़ा जाता।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल का पलटवार:-
बिहार बिजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने सारे वतों का पलटवार एक प्रश्न करके प्रशांत किशोर के बातों का ज़वाब दिया उन्होंने कहा कि 'क्या प्रशांत किशोर ही जदयू के शिर्ष नेतृत्व हो गए है जो जदयू के लिए सीटों का संख्या बता रहें है?' उन्होंने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जदयू बताए कि क्या प्रशांत किशोर ही जदयू के शिर्ष हो गए है जो सीटों के बारे में वयान दे रहे हैं? जयसवाल के अनुसार सीटों का बंटवारा एनडीए के शिर्ष नेतृत्व का काम है और इसका फैसला पार्टी के शिर्ष नेतृत्व बैठकर
तय करेंगे।
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