फ्यूचर लाइन टाईम्स
हृदय से क्षमा चाहता हूँ....
इंसान गलतियो का पुतला हैं, यदि गलती न हो तो वो ईश्वर के समकक्ष होता। मेरा सौभाग्य है कि में भी इंसान होकर आप सभी के नजदीक हूं।
जब इंसान हूं तो स्वभाविक रूप से गलतियां मुझ से हुई होगी। कभी जानकर, कभी अनजान रूप से, कभी प्रत्यक्ष रूप से सामने आकर, कभी अप्रत्यक्ष रूप से व्हाट्स अप मेसेज के द्वारा।
मैं जानता हूं कि मेरे द्वारा हुईं भूल माफ करने योग्य नही है, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि आप बड़े दिल के हो, और अपने मन के मंदिर में विराजित प्रभु से मेरी हुई गलती हेतु मुझे एवम मेरे परिवार को आप साल के अंतिम दिन हमारे हर भूल हेतु हृदय से क्षमा कर दोगे।
अहंकार" दिखाकर"
किसी रिश्ते को तोड़ने से
कहीं अच्छा है
कि.....
"क्षमा" मांगकर
उस रिश्ते को निभाया जाये।
0 टिप्पणियाँ