फ्यूचर लाइन टाईम्स
प्रेम से बोलो राधे राधे जी"
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दोस्तो , "कोई भी नही जानता कि...हम इस जीवन के सफ़र में एक~दूसरे से क्यों मिलते है...सब के साथ रक्त संबंध नहीं हो सकतें...परंतु ईश्वर हमें कुछ लोगों के साथ मिलाकर अद्भुत रिश्तों में बांध देता है...हमें उन रिश्तों को हमेशा संजोकर रखना चाहिए...
अंत मे
जो ताला चाबी को एक ओर घुमाने से बंद होता है, वही दूसरी ओर घुमाने से खुल भी जाता है ! हम अपने विचार , वाणी और व्यवहार को इस तरह घुमाएँ कि रिश्तों के बंद पडे़ ताले फिर से खुल जाए।
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