फ्यूचर लाइन टाईम्स
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भेजे गये जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही अब अपने कार्य-व्यवहार को लेकर सांसद के बाद पत्रकारों के निशाने पर आ गये हैं।
सोमवार को पराली के मुद्दे पर विकास भवन के सभागार में आयोजित की गयी जिलाधिकारी की पत्रकारवार्ता का पत्रकारों ने बहिष्कार कर दिया। पिछले सप्ताह जिलाधिकारी के निर्देश पर सूचना विभाग के कार्यालय से शोसल मीडिया पर पत्रकारों के नाम का उल्लेख करते हुए यह बात वायरल की गयी थी कि पत्रकार जिलाधिकारी पर शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत करने के लिए दबाव बना रहे है। जिले के पत्रकार इस बात को लेकर नाराज हैं। इसके पीछे की पृष्ठभूमि यह है कि प्रतापगढ़ जिले के दोनों भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता और विनोद सोनकर जिलाधिकारी की कार्यशैली से नाराज हैं और दोनों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र भेजकर विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया है। इसी खबर को जिले के समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिसे लेकर जिलाधिकारी ने पत्रकारों पर अपनी खीझ उतारने के लिए सूचना विभाग के कार्यालय का उपयोग किया और वहां से सोशल मीडिया पर पत्रकारों पर दबाव बनाने के आरोप के मामले को वायरल कराया। इधर प्रेस क्लब प्रतापगढ़ के अध्यक्ष जान मोहम्मद ने बताया कि जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही द्वारा पराली के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गयी थी। प्रतापगढ़ जिले में इस समय पराली जलाये जाने जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि यहां किसान खेतों में गेहूं की बुआई कर चुके हैं और अब सिंचाई का कार्य चल रहा है। ऐसे में पराली के मुद्दे पर प्रेसवार्ता बुलाये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है।आपको बता दें कि सचिवालय से प्रतापगढ़ जिलाधिकारी की कुर्सी सम्भालने आये जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही कुछ अपने ही अन्दाज में कार्य करते हैं जैसे कार्यालय में काफी दिनों से न बैठना, एक कर्नल से भी ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था में रहने की ललक, तीन लाकर के अंदर अपने आवास में बैठकर काम करना, आवास पर तो कतई किसी फरियादी से ना मिलना, मनचाहा कार्य करना, किसी फरियादी का दुख दर्द नही सुन्ना
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