फ्यूचर लाइन टाईम्स
जिस प्रकार महाराष्ट्र की जनता ने फड़णवीस सरकार को सत्ता से बाहर किया ठीक उसी प्रकार झारखंड में भी बीजेपी को अपनी सरकार गवानी पड़ी।
काफ़ी लंबे दिनों तक चले झारखंड विधानसभा चुनाव का चुनावी परिणाम का इंतजार सभी राजनीतिक पार्टियों को थी और वो इंतजार दिसंबर 23 यानी सोमवार को समाप्त हो गई। कई राजनीतिक पार्टियां इस चुनावी परिणाम से ख़ुश दिखे तो कई राजनीतिक पार्टियां इस चुनावी परिणाम से सदमे में चले गए हैं। गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी और इसके साथ हीं 5 वर्षों वाली रघुबर दास को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी। एक साल में राममंदिर और नागरिकता संशोधन कानून जैसे बड़े फैसले आने के बाद भाजपा ने पांच राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अब झारखंड में सत्ता गंवा दी। झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन ने चुनावी नतीजों में बड़ी जीत हासिल की है। 81 सदस्यीय विधानसभा में जहां महागठबंधन ने बहुमत से ज्यादा 47 सीटें जीतीं तो वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। नामांकन के दिन से हीं जमशेदपुर पूर्वी सीट हॉट माना जा रहा था क्योंकि उसी सीट से झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास और भाजपा के बागी उम्मीदवार और रघुवर मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे सरयू राय ने चुनाव लड़े थे और रघुबर दास को हारना पड़ा। सबसे बड़ी बात ये है कि रघुवर दास 24 साल से यहां जीतते आए थे। वहीं, दुमका में हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार की मंत्री डॉ लुईस मरांडी को पछाड़ दिया है, तो कोडरमा में राजद के अमिताभ कुमार ने शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव को हराया। श्रम मंत्री राज पलिवार मधुपुर विधानसभा सीट पर झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी से हार गए, वहीं जल संसाधन मंत्री राम चंद्र सहिसत दौड़ से ही बाहर हो गए।
उम्मीद नहीं देंगे टूटने देंगे हेमंत सोरेन:- अब जनता ने जब महागठबंधन को सत्ता संभालने की जिम्मेदारी दी है तो धन्यवाद देना तो बनता है। इसी बीच झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मतदाताओं का आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा, झारखंड की जनता के लिए उत्साह का दिन है। मेरे लिए आज का दिन एक संकल्प लेने का दिन है। इस राज्य की जनता की उम्मीदों को पूरा करने का संकल्प लेने का दिन है। आज का यह जनादेश शिबू सोरेन जी के परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर हमने यह चुनाव लड़ा था। लालू यादव, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को मैं आभार देना चाहता हूं। सभी ने मेरे ऊपर विश्वास जताया और राज्य की जनता ने भी हमें स्पष्ट बहुमत दिया है। हेमंत सोरेन ने कहा, आज झारखंड राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। ये मील का पत्थर साबित होगा और निश्चित रूप से जिस उम्मीद से हमें वोट दिए गए हैं, मैं भरोसा दिलाता हूं कि उम्मीदें नहीं टूटेंगी। नौजवान, किसान, महिला, व्यापारी, बूढ़े-बच्चे, मजदूरों सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूँगा।
शहरी क्षेत्रों में भी भारी नुकसान:-
जिस प्रकार देश आर्थिक मंदी से जूझ रही है उसका नतीजा झारखंड के चुनाव में भी देखने को मिला भारतीय जनता पार्टी पार्टी को बोकारो, कोडरमा, घाटशिला, चतरा, देवघर, दुमका, हटिया, जमशेदपुर, गढ़वा, रांची जैसी शहरी और आद्योगिक सीटों से अपना हाथ धोना पड़ा। सूबे में यही क्षेत्र कभी भाजपा की ताकत रहा करती थी। पार्टी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि आर्थिक मंदी के कारण इन क्षेत्रों में कारोबार और उद्योग पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के कारण कट्टर समर्थक जहां वोट देने के लिए नहीं निकले, वहीं एक बड़े वर्ग ने पार्टी के खिलाफ वोट दिया।
दिसंबर 27 को होगी शपथ ग्रहण:-
झारखंड सभी 81 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। नतीजों के अनुसार, कांग्रेस गठबंधन को 47 सीटों पर जीत मिली है। वहीं भाजपा को 25 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस गठबंधन में तीन पार्टियां हैं जिसमें जेएमएम ने 30, आरजेडी ने एक और कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की है। आजसू 02 और झारखंड विकास मोर्चा के खाते में 3 सीटें गई हैंझारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य विधानसभा चुनावों में विजयी विपक्षी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ दिसंबर 27 को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।
हारने का कारण:- जिस प्रकार झारखंड में माबलिंचिंग की समस्या बढ़ते जा रही थी और रघुबर सरकार की बेरोजगारी अफसरशाही अभियान भाजपा सरकार को महंगी पड़ी। इससे मतदातओं का बड़ा वर्ग नाराज़ थे। और हार की सबसे बड़ी कारण यही रही, लेकिन अब देखना ये है क्या महागठबंधन की सरकार इसे दूर कर पायेगी ?
दिग्गजों का बयान:-
अमित शाह:- झारखंड के चुनावी परिणाम आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि मैं जनादेश का सम्मान करता हूँ। और सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जीतोड़ मेहनत की।
शिवसेना:- जिस प्रकार महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता गबानी पड़ी थी ठीक उसी प्रकार झारखंड में भी सत्ता गबानी पड़ी इसी बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए उसपर हमला करते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस मुक्त हिंदुस्तान की बात करती है और अब कई राज्य भाजपामुक्त हो गए हैं।
सोनिया गांधी:- विधानसभा चुनाव में जे.एम.एम, राजद और कांग्रेस गठबंधन जीत की ख़ाश एहमियत है। जनता ने समाज को जाती धर्म के आधार पर बाटने की बीजेपी की कोशिश को परास्त कर दियाहै,और इस प्रकार समाज के बाटने की कोशिश विफ़ल रहा।
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