फ्यूचर लाइन टाईम्स
ट्रेडिंग ट्वीट के टॉप 20 में और उत्तरप्रदेश में कई घण्टों तक लगातार नम्बर एक पर रहा उत्तरप्रदेश के लाखों प्रशिक्षित शिक्षामित्रों की पीड़ा,
ट्विटर के माध्यम से हैशटैग मोदीजी_शिक्षामित्र_याद_है
के साथ बुधवार को पूरी दुनिया के सामने अपने दर्द को मजबूती से उठाए ,करीब 65 हज़ार से भी ज्यादा लोगों ने शिक्षामित्रों की आवाज को लगातार ट्विटर पर उठाकर इस अभियान को टॉप ट्रेंडिंग में पहुंचाया।
शिक्षामित्रों की पीड़ा वाजिब भी है क्योंकि उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों का स्थाईसमाधान की बात को प्रमुखता से रखा और खुद प्रधानमंत्री मंत्री जी ने वाराणसी की एक सभा में शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी खुद ली थी पर एक वो वक़्त था और एक आज का वक़्त इस बीच करीब 1700 से ज्यादा प्रशिक्षित शिक्षामित्रों की अकाल मृत्यु असुरक्षित भविष्य की चिंता में हो गयी पर न केंद्र और न ही राज्य सरकारें कोई स्थाईसमाधान की अब तक पहल ही कर पाई जिससे शिक्षामित्रों की हो रही असमय मृत्यु को रोका जा सके।
थक हार कर प्रशिक्षित शिक्षामित्रों ने ट्विटर के माध्यम से हैशटैग *#मोदीजी_शिक्षामित्र_याद_है
के जरिये प्रधानमंत्री को उनका वादा याद दिलाने के लिए संघर्ष किये ।
अब देखना ये है कि शिक्षामित्रों के इस ट्विटर अभियान से प्रधानमंत्री जी या उत्तरप्रदेश सरकार पर कोई फर्क पड़ता है या नहीं।
इस ट्विटर अभियान से जुड़े हुए प्रशिक्षित शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक उत्तरप्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों का स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक शिक्षामित्र हर स्तर से संघर्षरत रहेगा चाहे वो सोशल मीडिया का माध्यम हो या जमीनी संघर्ष हर स्तर के संघर्ष को तैयार है अब उत्तरप्रदेश के लाखों शिक्षामित्र।
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