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ज्ञान के प्रकाश में , भव्यता बनी रहे

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


अस्मिता बनी रहे



अस्मिता बनी रहे
      सुष्मिता बनी रहे
देश में रहे अमन
      स्वच्छता बनी रहे


कर्म हम सुभग करें
     झूठ से नहीं डरें
प्रीति-रीति जिंदगी
    नेह का सफर करें


         पोर-पोर में पुनीत
             नव्यता बनी रहे


देश के लिए जिएँ
      देश के लिए मरें
सत्य-पंथ पर चलें
     रंग प्रेम के भरें


मुस्कुराएँ ताल-स्वर
     काव्यता बनी रहे



सृष्टि को करें नमन
        वृष्टि का करें शमन
छोड़कर बुराइयाँ
        हो सदा अमन-चमन
 
सोच योगमय रहे
      सभ्यता बनी रहे



लोभ, क्रोध हैं मरण
         दानवीर हैं करण
मात-पित्र भक्ति ही
          देवतुल्य आचरण


ज्ञान के प्रकाश में
        भव्यता बनी रहे





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