फ्यूचर लाइन टाईम्स
अपनी आने वाली पीढ़ियों के स्वस्थ,सफल एवं सुरक्षित भविष्य के लिए देसी स्थानीय मूल नस्ल की भारतीय गाय बचे। वह गाय गौशालाओं से नहीं गौपालकों द्वारा गौपालन से बचेगी।
गौपालन व गौपालकों पर केंद्रित नीति नियम व योजनाएं बनें। गाय को पशु मंत्रालय नही स्वास्थ्य विज्ञान पर आधारित स्वतंत्र राष्ट्रीय गौविज्ञान मंत्रालय भारत सरकार बनाये। सरकारों द्वारा गौविज्ञान मंत्रालय बनना अति आवश्यक है,क्योंकि स्वास्थ्य सहित समस्त समस्याओं का समाधान केवल सनातन धर्म अर्थात सनातन विज्ञान व गौविज्ञान में ही निहित है और सनातन विज्ञान का आधार गो विज्ञान है। भारतीय देसी गाय को पशु समझने वाला इस धरती का सबसे बड़ा मूर्ख इंसान हैं। मातृत्व से अभिभूत गौ माता स्वास्थ्य ज्ञान विज्ञान संबंध सामाजिक सरोकार आदि संपूर्ण जीवन का आधार है। इसलिए हमारे सनातन ऋषियों ने गौमाता को जन्मपूर्व गर्भधारण से मृत्युपर्यन्त जीवन से जोड़कर रखा। आज आधुनिक विज्ञान द्वारा भी "गावो विश्वस्य मातरः" गऊमाता के सार्वभौमिक उपकार को स्वीकार किया है। भारत को विश्वगुरु बनाने में गौविज्ञान मंत्रालय की भूमिका पूरे विश्व को सात्विक स्वास्थ्य प्रदान करने में सिद्ध होगी।
हम निवेदन के साथ निश्चित तौर यह कह रहे हैं आज नही तो कल सरकारों को गौविज्ञान मंत्रालय बनाने पड़ेंगे क्योंकि पूरे भारत को हस्पताल बनने से रोने के लिये इसके अतिरिक्त कोई विकल्प ही नहीं है। इस महत्वपूर्ण कार्य में आप सहभागी बने।
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