फ्यूचर लाइन टाईम्स
जैसी परै सो सहि रहै कहि रहीम यह देह
धरती पर हीं परत है सीत घाम और मेह ।
अर्थ : यह शरीर सब कुछ सह लेता है।इसके उपर जो भी कश्अ आता है उसे यह सहन कर लेता है।
धरती पर सर्दी गर्मी और वर्शा पड़ने पर वह सह लेता है।इस शरीर को दूसरों की भलाई में लगाना हीं जीवन का उद्देश्य होना चाहिये ।
गति रहीम बड़ नरन की ज्यों तुरंग व्यबहार
दाग दिवावत आपु तन सही होत असवार ।
अर्थ : अच्छे लोग दूसरों की सेवा करना अपना धर्म मानते हैं।घोड़े को अधिक कश्अ देकर
दाग दिया जाता था और घुड़सवार उस पर सवारी करके अपनी जीविका कमाता था।
अच्छे लोग अपना धर्म निर्बाह हेतु सहर्श कश्अ उठाने के लिये तत्पर रहते हैं
मथत मथत माखन रहै दही मही बिलगाय
रहिमन सोई मीत है भीर परे ठहराय ।
अर्थ : दही को बार बार मथने से दही और मक्खन अलग हो जाते हैं।
रहीम कहते हैं कि सच्चा मित्र दुख आने पर तुरंत सहायता के लिये पहुॅच जाते हैं।
मित्रता की पहचान दुख में हीं होता है।
जो रहीम दीपक दसा तिय राखत पट ओट
समय परे ते होत हैं वाही पट की चोट ।
अर्थ : जिस प्रकार वधु दीपक को आॅचल की ओट से बचाकर शयन कक्ष में रखती है उसे
हीं मिलन के समय झपट कर बुझा देती है।बुरे दिनों में अच्छा मित्र भी अच्छा शत्रु बन जाता है
टूटे सुजन मनाइये जो टूटे सैा बार
रहिमन फिरि फिरि पोहिये टूटे मुक्ताहार ।
अर्थ : शुभेच्छु हितैशी को रूठने पर उसे अनेक प्रकार से मना लेना चाहिये।
ऐसे प्रेमी को मनाने मेंहार जीत का प्रश्न नही होना चाहिये।
मोती का हार टूटने परउसे पुनः पिरो लिया जाता है।वह मोती अत्यधिक मूल्यबान
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