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धर्म के साथ वृद्धि हो

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


षसे नः परि देहि सर्वान् रात्र्यनागसः।
उषा नो ‌अह्रे आ भजादहस्तुभ्यं विभावरि।।                 (अथर्व०१९ .५०.७)


हे मनुष्यों दिन और रात सदा धर्म के साथ अपनी वृद्धि करो ।


 


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