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भूखा आदमी कूकर्म करने को तैयार हेा जाता है!

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


रहिमन अपने पेट सों बहुत कह्यो समुझाय
जो तू अनखाए रहे तो सों को अनखाय ।


अर्थ : भूखा आदमी कूकर्म करने को तैयार हेा जाता है।
रहीम ने बहुत समझाकर अपने पेट से कहा कि तुम अपने भूख को नियंत्रित करो ताकि तुम बिना खाये रह सको तो किसी को भी बुरा काम करने को मजबूर नही होना पड़ेगा।


रहिमन जाके बाप को पानी पियत न कोय
ताकी गैल अकास लौं कयों न कालिमा होय ।


अर्थ : जिसके पिता का पानी नहीं कोई पीता था-जो कंजूसी;बेईमानी;दुश्टता; नीचता पर रहता है-उसका प्रभाव उसके संतान पर भी अवश्य पड़ता है।
आकाश के काले बादलों ने पूरे आकाश को काला कर दिया है।भूतकाल का प्रभाव बर्तमान और भविश्य पर पड़ता ळें


मनसिज माली कै उपज कहि रहीम नहि जाय
फल श्यामा के उर लगे फूल श्याम उर जाय ।


अर्थ : कामदेव ने राधा के हृदय वक्ष स्थल पर फल लगा दिये और माली रूपी श्याम के वक्ष पर कोमल फूल।
भला कामदेव जैसे माली ने ऐसा कयों किया ?


रहसनि बहसनि मन हरै घोर घोर तन लेहि
औरत को चित चोरि कै आपुनि चित्त न देहि ।


अर्थ : रसिक स्त्री सबों के मन को हर लेती है।प्रत्येक ब्यक्ति उसकी ओर आकर्शित हो जाता है।
वह प्रेमी लोगों के मन चित्त चुरा लेती है परन्तु अपना मन हृदय किसी को नही देती है।
अतः रसिक स्त्रियों के फेर में नही पड़ना 


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