फ्यूचर लाइन टाईम्स
प्राप्नोति वै वित्तमसद्बलेन
नित्योत्त्थानात् प्रज्ञया पौरुषेण।
न त्वेव सम्यग् लभते प्रशंसां
न वृत्तमाप्नोति महाकुलानाम्॥
दोस्तो ,
बेईमानी से, बराबर कोशिश से, चतुराई से कोई व्यक्ति धन तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन सदाचार और उत्तम पुरुष को प्राप्त होने वाले आदर -सम्मान को प्राप्त नहीं कर सकता।
Dishonestly, by equally endeavor, a person can earn money by cleverly, but can not attain honor and dignity of goodness and noble man.
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