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अकलियत के लोगों...

 फ्यूचर लाइन टाईम्स


जो आज तुम्हारे साथ खड़ा उसकी तस्वीर अपने दिल में उतार लेना और अपनों बच्चों को भी ताक़ीद करना कि उसके एहसान का कर्ज ज़रूर उतारें ।


और जो लोग तुम्हारे वोट पाकर भी तुम्हारे हक़ में आवाज़ बुलंद नहीं कर रहे हैं उनकी तस्वीर भी अपने दिमाग में उतार लेना, जब चुनाव के समय ये वोट मांगने आयें तो इनसे सवाल करना कि जब हमारा काफ़िला लूट रहा था तो ये चुप क्यों थे ?


बारीकी से नज़र बनाये रखना की कौन तुम्हारे साथ है और कौन नहीं !


अल्लाह का हर फ़ैसला बेहतर होता है, शायद अल्लाह तुमको अंधेरे से निकालना चाह रहा हो, कल तक जो तुम्हारे रहनुमा होने का ढोंग करते थे शायद अल्लाह उनको बेनक़ाब कर रहा हो...!


हालांकि तुमको भूलने की बीमारी है, तुम्हारे जज़्बात हमेशा तुम्हारी अक्ल पर भारी रहे हैं...फिर भी अक्ल ज़िंदा हो तो मेरी ये बात भूलना नहीं बाकी तुम्हारी मर्ज़ी ।


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