-->

आपदा के समय किसानों की आर्थिक स्थिति अब नहीं होगी कमजोर

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, प्रदेश के किसान, प्राकृतिक आपदा कभी भी, कहीं भी आ सकती है। प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि तो होती ही है साथ ही बड़ी कष्टदायी यादें भी छोड़ जाती हैं।


भारतवर्ष में किसानों की काफी बड़ी संख्या है और वे गर्मी, धूप, सर्दी, बरसात में मेहनत कर फसल उत्पादन में लगे रहते हैं। किसान जब फसल बोकर सिंचाई, गुड़ाई आदि करते हुए फसल तैयार करता है तो उसे अपार प्रसन्नता होती है। क्योंकि उसकी कड़ी मेहनत का फल उसे मिलने वाला होता है। किन्तु यदि फसल तैयार होते समय या फसल तैयार होने पर बाढ़, आंधी, ओले, तेज बारिश आदि दैवीय आपदा आ गई तो किसान की सारी मेहनत व लागत बर्बाद हो जाती थी। किसान सिर पर हाथ रखकर गहरी चिन्ता और ग्लानि से दुःखी हो जाता था। और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती थी।
किसानों की प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली इन्ही स्थितियों तथा उन्हें ऐसे संकट से राहत देने को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने 13 जनवरी 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारम्भ किया है जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पूरे प्रदेश में लागू करते हुए किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक पहुंचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद कर रही है। जो किसान ऋण लेकर अपनी खेती करते हैं, उन्हें सुरक्षा भी मिल रही है। इस योजना में किसानों को खरीफ फसलों के लिए केवल 2 प्रतिशत एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का एक समान प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में बीमा का प्रीमियम केवल 5 प्रतिशत देना पड़ता है। सरकार ने किसानों द्वारा भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम की दरें बहुत कम रखी है। शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। किसानों को सरकार पूरी बीमित राशि का भुगतान करती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आॅनलाइन विशेष बेव पोर्टल पर आवेदन करना होता है। आॅनलाइन आवेदन के समय किसान की फोटो व आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आई0डी0 कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में से एक आई0डी0कार्ड, खसरा/खाता नम्बर, बोई गयी फसल का सबूत के दस्तावेज लगाने पड़ते हैं। अगर खेत बटाई/किराये पर ली गई है तो खेत के मालिक के साथ करार की कापी, खसरा/खाता नम्बर साफ तौर पर लिखा हुआ दस्तावेज भी लगाना होता है। फसल बुवाई के 10 दिन के अन्दर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत आवेदन करना होता है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ वर्ष 2018 में 31.40 लाख बीमित कृषकों द्वारा 26.83 लाख हेक्टे0 क्षेत्र में बोई गई फसलों का बीमा कराया था जिसमें से 5.58 लाख किसानों को 419.54 करोड़ रु0 की क्षतिपूर्ति सरकार द्वारा की गई है। उसी तरह रबी 2018-19 में 29.68 लाख कृषकों द्वारा 24.18 लाख हेक्टे0 क्षेत्र की फसलों का बीमा कराया गया जिसमें 38233 किसानों को 18.11 करोड़ रु0 की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। खरीफ 2019 में 22.63 लाख किसानों ने 17.87 लाख हेक्टे0 बोई गई अपनी फसलों का बीमा कराया है। किसानों की हितैषी प्रदेश सरकार की इस योजना से प्रदेश के किसान लाभान्वित हो रहे हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ