फ्यूचर लाइन टाईम्स
एषा स्या वो मरुतोऽनुभर्त्री प्रति ष्टोभति वाघतो न वाणी।
अस्तोभयद्वृथासामनु स्वधां गभस्त्योः॥ ऋग्वेद १-८८-६।।
याग्निक वाणी यज्ञ कार्यों पर प्रकाश डालकर दोष वृत्तियों को हटाती है। विद्वानों की वाणी विद्या के अंधकार को हटाकर विद्या का प्रकाश करती है। सभी मनुष्यों को चाहिए कि विद्वानों की ज्ञानवाणीयों का सतवन किया करें।
Yagnik Vani removes evil tendencies by throwing light on Yajna works. The voice of the scholars removes the darkness of unawareness and illuminates light of knowledge. All human beings should gain knowledge from the learned scholars. Rig Veda 1-88-6
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