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।। आज का भगवद चिंतन ॥            

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


जीवन की कोई ऐसी परिस्थिति नहीं जिसे अवसर में ना बदला जा सके। हर परिस्थिति का कुछ ना सन्देश होता है। अगर तुम्हारे पास किसी दिन कुछ खाने को ना हो तो सुदामा की तरह प्रभु को धन्यवाद दो 


"प्रभु आज आपकी कृपा से यह एकादशी जैसा पुण्य मुझे प्राप्त हो रहा है।


अगर कभी भारी संकट आ जाए तो माँ कुंती की तरह भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करो कि प्रभु मेरे जीवन में यह दुःख ना आता तो मै आपको कैसे स्मरण करता ? मै अपने सुखों में उलझकर कहीं दिग्भ्रमित ना हो जाऊँ, इसीलिए आपने मेरे ऊपर यह कृपा की है।


हर पल प्रभु को धन्यवाद दो और दिल से यह भाव गाते रहो, 


         तेरी मेंहरवानी का है बोझ इतना,
         जिसे मै उठाने के काविल नहीं हूँ॥
         मै आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,
         दर पे भी आने के काविल नहीं हूँ॥


 


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