फ्यूचर लाइन टाईम्स
पुरूस पूजै देबरा तिय पूजै रघुनाथ
कहि रहीम दोउन बने पड़ो बैल के साथ ।
अर्थ :
अशांत पति जादू मंतर आदि अनेक देवी देवताओं की पूजा करता है।सन्तोशी पत्नी केवल राम की पूजा करती है।पति पत्नी के बीच विचार और कर्म में संतुलन रहने से
गृहस्थी की गाड़ी संतुलित ढंग से चलती है।
रहिमन सुधि सब ते भली लगै जो बारंबार
अर्थ :
बिछुरे मानुस फिर मिले यहै जान अवतार ।
बीती बातों की यादें हमें सुख दुख का एहसास कराती है।अपने बिछुड़ गये प्रिय लोगों से मुलाकात करा देती है।जानो ये यादें किसी दैवी अवतार से कम नही हैं।
रहिमन रजनी ही भली पिय सों होय मिलाप
खरो दिबस केहि काम को रहिबो आपुहि आप ।
अर्थ :
प्रेयसी को रात प्यारी लगती है कयोंकि रात्रि के अंधकार में प्रेमी से मिलन होता है।
यह खरा सूखा दिन उसके किसी काम का नही है कयोंकि दिन में उसे अकेला हीं रहना पड़ता है।रात का समय मिलन का अवसर प्रदान करता है।
रहिमन इक दिन वे रहे बीच न सोहत हार
वायु जो ऐसी बह गई बीचन परे पहार ।
अर्थ :
कैसं अच्छे वे दिन थे जब प्रेमी प्रेमिका के बीच गले की हार भी नही सुहाती थी।
अब कैसे बुरे दिन आ गये कि हमारे बीच समय की हवा ने पहाड़ खड़ा कर दिया
है।अच्छे और बुरे दिनों की स्मृतियाॅ हीं शेश रह जाती है।
काम न काहू आवई मोल रहीम न लेई
बाजू टूटे बाज को साहब चारा देई। ं
अर्थ :
जब बाज के हाथ टूट जाते हैं तो उसे कोई महत्व नहीं देता।वह खाने के लिये मोहताज हो जाता है।तबकेवल भगवान एसे सहारा देते हैं।मनुश्य को अच्छे दिन में
घमंड नहीं करना चाहिये और बुरे दिनों का भी घ्यान रखना चाहिये।
बड़े पेट के भरन को है रहीम दुख बाढि
यातें हाथी हहरि कै दयो दाॅत द्वै काढि ।
अर्थ :
यदि किसी ब्यक्ति केा बड़े परिवार का भरण पोशन करना पड़ता हो तथा उसकी आय
कम हो तो वह बहुत दिनों तक अपनी आर्थिक हालत को छिपाकर नही रख सकता है।हाथी अपना पेट नही भर पाने हेतु हीं अपना दांत दिखाता है।
विरह रूप धन तम भये अवधि आस ईधोत
ज्यों रहीम भादों निसा चमकि जात खद्योत ।
अर्थ :
रात्रि का घना अंधेरा वियोग के दुख को बढा देता है लेकिन भादो के रात्रि के गहन अंधकार में कभी कभी जुगनू चमक कर आशा की ज्योति जलाकर मन को प्रसन्न
कर देता है।
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