फ्यूचर लाइन टाईम्स
सुभाष भाटी ने कहा कि 2019 का अंतिम दिन है ओर हमारा नववर्ष तो नवसंवत से शुरू होता है
तो फिर ये क्या नाटक है जब हम सरकारी दस्तावेज मै कामकाजी भाषा में अंग्रेजी तारीक को अपना सकते हैं तो 1 जनवरी नव वर्ष इस दिन खुश होने मे हर्ज क्या है दो वार मना लो नव वर्ष खुशियो की कोई गिनती थोडी है या तो पूरी तरह त्याग दो अंग्रेजी कलैंडर को अरे जब सरकार ही इस कलैंडर से चल रही हो दुनिया के काम इस कलैंडर से हो रहै हो तो एक दिन खुशी मनाने मै क्या जा रहा है
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