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स्वारथ सुखु सपनेहु अगम, परमारथ न प्रबेस राम नाम सुमिरत मिटहि, तुलसी कठिन कलेस

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


स्वारथ सुखु सपनेहु अगम, परमारथ न प्रबेस
राम नाम सुमिरत मिटहि, तुलसी कठिन कलेस
            
राम नाम सुमिरत सुजस, भाजन भय कुजाती कुतरुक सुरपुर राजमग, लहन भुवन बिख्याती 
 


कासी बिधि बसी तनु तजे, हठी तनु तजे प्रयाग
तुलसी जो फल सो सुलभ, राम नाम अनुराग        


नाम गरीबनिवाज को, राज डेट जन जानि
तुलसी मन परिहरत नहीं, घुरबिनीआ की बानी
           


नामु राम को कलपतरु, कलि कल्याण निवासु
जो सुमिरत भयो मांग ते, तुलसी तुलसीदासु


नाम राम को अंक है, सब साधन है सुन
अंक गए कछु हात नहीं, अंक रहे दस 


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