-->

सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी के प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी को किया सम्मानित 

 फ्यूचर लाइन टाईम्स 


अयोध्या धाम से पधारे आचार्य धरणीधर पांडेय ने सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी के प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी को किया सम्मानित 


ओअंतरराष्ट्रीय कथा वाचक व श्री धर्म सेवा  संस्थान के  संस्थापक आचार्य पंडित धरणीधर पांडेय ने शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगा रहे समाजसेवी सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी के प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी को सम्मानित करते कथा वाचक आचार्य पंडित धरणीधर पांडे ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों को समय-समय पर सम्मान भी देना बेहद जरूरी है विद्या धनम् सर्व धनम् प्रधानम् विद्या रूपी धन संसार के सभी धनों में सबसे सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि विद्या से हमें विनय प्राप्त होता है ,विनय से हमें पात्रता प्राप्त होती है ,पात्रता से हमें धन प्राप्त होता है ,धन से हम धर्म करते है धर्म से ही हमे सुख प्राप्त होता है प्राचीन भारत में शिक्षा का महत्व : प्राचीन काल में शिक्षा का बहुत महत्व था। सभ्यता, संस्कृति और शिक्षा का उदय सबसे पहले भारत में हुआ था। प्राचीनकाल में शिक्षा का स्थान नगरों और शोरगुल से बहुत दूर वनों के गुरुकुल में होता था। इन गुरुकुलों का संचालन ऋषि-मुनि करते थे। प्राचीन काल में विद्यार्थी ब्रह्मचर्य का पालन करते थे। और अपने गुरु के चरणों में बैठकर ही पूरी शिक्षा प्राप्त करते थे।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ