फ्यूचर लाइन टाईम्स
प्रतापगढ़ महकनी ग्राम में चतुर्थ दिवस श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए गोपाल मंदिर रायपुर के महंत श्री गोपाल शरण देवाचार्य जी ने कहा कि शुकदेव जी कहते हैं भगवान के 24 अवतार हैं सभी वंदनीय है, किंतु मानव चरित्र से ज्यादा जुड़े हुए दो ही अवतार हैं राम और कृष्ण का इन दोनों में कोई अंतर नहीं है।
राम ने जीवन में जो किया है उसे करो, और कृष्ण ने जो कहा है उसे अपने जीवन में उतारो तभी कल्याण है। भगवान कहते हैं मैं तो भक्तों के अधीन हूं ,जो भक्त चाहता है वही मैं करता हूं। भगवान श्री मन नारायण के चरणों से निकला हुआ जल जिसे विष्णुपदी कहते हैं वही गंगा जी हैं।
संसार में तीन राम हुए एक राम जिन्होंने का परसु धारण किया इसलिए परशुराम कहलाए वह भक्ति के मार्ग को प्रशस्त करते हैं, दूसरे मर्यादा पुरुषोत्तम राम जो कर्मयोगी हैं, और तीसरे राम कन्हैया के बड़े भाई बलराम जी जो ज्ञान योगी है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम साक्षात धर्म के विग्रह है ।धर्म की संपूर्ण व्याख्या राम के चरित्र में सम्मिलित है।नारायण की शरण में जो आता है प्रभु उसे अपने वैकुंठ लोक ले जाते हैं।
गाय विश्व की माता है। गाय के रुष्ट हो जाने पर सहस्त्रार्जुन जैसा व्यक्ति मारा गया।शरीर का फल केवल विषयों को भोगना नहीं, सज्जनों इंद्रियों को वस में करना चाहिए। चिंतन मेरे गोविंद का करो, चिंता संसार की त्यागो, चिंता को त्याग कर चिंतन को बढ़ाओगे तो गोविंद मिलेगा। मन को कृष्ण के चरणों में लगाने से जीवन सदा सुखी रहेगा ।
भगवान श्रीमन नारायण संसार के कल्याणार्थ पृथ्वी पर भार उतारने के लिए वसुदेव के यहां देवकी के गर्भ से कंस के कारागार में अवतार लिया । उसी रात्रि गोकुल में नंद बाबा और यशोदा के घर पहुंच गए जहां पर योग माया अवतरित हुई, और वसुदेव जी उन्हें कंस के कारागार में ले आए कंस उन्हें पकड़कर पटकना चाहा, तब वह कंस के हाथों से छूट करके आकाशवाणी करते हुए कही कंस तुझे मारने वाला अवतार ले चुका है और उन्होंने विंध्याचल में वास किया।
कार्यक्रम में वैष्णव धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास को सनातन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के कारण व्यास पीठ से सम्मानित किया गया। मुख्य यजमान राजाराम दुबे, श्रीमती ज्ञानवती देवी, आचार्य त्रिपाठी मनीष मिश्रा, रूपेश झा, आलोक अवस्थी, योगेंद्र तिवारी, मानिक चंद्र मिश्र, रामकृपाल दुबे, देवी प्रसाद दुबे हनुमान प्रसाद दुबे, कमलाकांत दुबे ,देवेंद्र ओझा एडवोकेट, राम शिरोमणि ओझा, आचार्य कमलेश तिवारी ,धर्मेंद्र तिवारी संतोष पांडे बड़े बाबू ,मनो राम मिश्रा, विनोद त्रिपाठी, डॉक्टर संतोष शुक्ला सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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